अमरावतीमहाराष्ट्र

हथियारों के लाईसेंस का नुतनीकरण जरुरी

कलेक्ट्रेट से 3 वर्षों के लिए दिया जाता है लाईसेंस

अमरावती /दि.14– जिले के ग्रामीण क्षेत्रों हेतु जिलाधीश कार्यालय द्वारा पिस्तौल व बंदूक जैसे हथियारों के लिए लाईसेंस जारी किये जाते है, जो 3 साल के लिए ग्राह्य होता है तथा 3 साल की अवधि पूरी होने से पहले इस लाईसेंस का नुतनीकरण करना आवश्यक भी होता है. साथ ही निर्वाचन काल के दौरान चुनावी प्रक्रिया को सुचारु रुप से संपन्न रहने हेतु सभी लाईसेंसधारकों के हथियार जमा कराने का आदेश जिलाधीश द्वारा दिया जाता है. इसमें से जिन्हे छूट होती है, उनके हथियारों के अलावा अन्य सभी लाईसेंसी हथियार संबंधित पुलिस थानों में जमा कराये जाते है.
बता दें कि, अमरावती जिले में 375 नागरिकों के पास हथियारों के लाईसेंस है. जिनमें बिल्डर, राजनेता, डॉक्टर व व्यापारी जैसे लोगों का समावेश है. जिन्हें आत्मरक्षा एवं फसलों की सुरक्षा के लिए हथियारों के लाईसेंस दिये गये है. इन हथियारों के लाईसेंसों का नुतनीकरण जिलाधीश कार्यालय की गृह शाखा द्वारा किया जाता है. साथ ही हथियारों के लाईसेंस हेतु आवेदन आने पर जिलाधीश कार्यालय द्वारा पुलिस से रिपोर्ट भी मंगाई जाती है और पुलिस द्वारा आवेदन की सघन पडताल करते हुए देखा जाता है. क्या वाकई आवेदक की जान के लिए कोई खतरा है. इसकी पुष्टि होने के बाद ही हथियारों के लाईसेंस हेतु मंजूरी प्रदान की जाती है.
* सर्वाधिक लाईसेंस धारणी उपविभाग में
जिलाधीश कार्यालय की गृह शाखा के मुताबिक जिले मेें कुल 375 नागरिकों के पास हथियारों के लाईसेंस है. जिसमें से सर्वाधिक हथियारों के लाईसेंस धारणी उपविभाग में जारी किये गये है.

* 3 वर्ष होती है लाईसेंस की अवधि
हथियारों का लाईसेंस 3 वर्ष की कालावधि हेतु दिया जाता है और यह कालावधि खत्म होने से पहले लाईसेंस का नुतनीकरण करना आवश्यक होता है. जिसके लिए बाकायदा आवेदन भी करना पडता है.

* कितना होता है शुल्क
हथियारों का लाईसेंस निकालने के आवेदन हेतु 1500 रुपए का शुल्क निर्धारित किया गया है. जिसके लिए चालान फाडना पडता है. इसी चालान के जरिए हथियार का लाईसेंस देने, नुतनीकरण करने या रद्द करने की प्रक्रिया की जाती है.

* नुतनीकरण नहीं करने पर दंड
हथियार के लाईसेंस का नुतनीकरण नहीं करने पर संबंधित लाईसेेंसधारक पर 2 हजार रुपए का दंड लगाया जाता है, ऐसी जानकारी गृह शाखा द्वारा दी गई है.

* पुलिस करती है वेरिफिकेशन
हथियारों के लाईसेंस जिलाधीश कार्यालय द्वारा दिये जाते है. जिसके लिए जिलाधीश कार्यालय की गृह शाखा द्वारा पुलिस से रिपोर्ट मंगाई जाती है. जिसके बाद पुलिस ऐसे मामले में वेरिफिकेशन करते हुए जिलाधीश कार्यालय को अपनी रिपोर्ट सौंप देती है. जिसके आधार पर जिलाधीश कार्यालय द्वारा आवेदक को हथियारों के लाईसेंस देने अथवा नहीं देने का निर्णय लिया जाता है.
– सतीश पाटिल,
पुलिस निरीक्षक,
विशेष शाखा, ग्रामीण पुलिस.

Back to top button