प्रतिनिधि/दि.२४
अमरावती-कोरोना महामारी के संक्रमण से शहर समेत जिले में हाहाकार मचा हुआ है. रोजाना ६० से ७० ने संक्रमित मरीज मिलने से जिले में कोरोना का खौफ निर्माण हो चुका है. जिसमें स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही कहे या फेराफेरी, इसका खामियाजा एक मासूम बालका को भुगतना पडा है. ऐसे ही एक दिल दहलाने वाला मामला पार्षद बलदेव बजाज के द्वारा सामने आया है. गुरुनानक सोसायटी में एक पुरुष का रिपोर्ट कोरोना पॉजीटिव आई है. जिसके बाद परिजनों सहित बच्चों के भी सैमपल लिए. २० जुलाई को नागपुर के ध्रुव लैब से संबंधित बालक की रिपोर्ट निगेटिव आयी. किंतु दो दिन बाद यानि २२ जुलाई की रात ८.३० बजे उस १०वर्षीय बालक की रिपोर्ट कोरोना पॉजीटिव आने से सनसनी मची. इस संदर्भ में पार्षद बलदेव बजाज ने मनपा स्वास्थ्य विभाग से पूछताछ की तो नाम बताने के लिए भी कोई तैयार नहीं था. आखिरकार पार्षद बजाज ने स्वयं समक्ष आकर इसकी जांच की. तीन दिन पूर्व पॉजीटिव मरीज के संपर्क में आते हुए ध्रुव लैब की रिपोर्ट दिखाई तो सभी की बोलती बंद हो गयी. कोरोना मरीजों की संख्या अब तेजी से बढने लगी है. लोगों में कोरोना का खौफ बडे पैमाने पर निर्माण हो चुका है. जिसे लेकर तरह-तरह की संदेहास्पद चर्चाएं भी शुरु है. ऐसे ही तीन चार दिन पहले गुरुनानक सोसायटी से संक्रमित मरीज पाया गया. संपर्क में आने वाले परिजनों की जांच की गयी. जिसमें १० वर्षीय बाल का समावेश था. १९ जुलाई की सुबह सैपल लेेकर नागपुर निजी अस्पताल में भेजे गए. २० जुलाई की शाम वह रिपोर्ट निगेटिव बतायी गई. लेकिन दो दिन बाद यानि२२ जुलाई की शाम प्राप्त रिपोर्ट में गुरुनानक सोसायटी के उस बालक की रिपोर्ट पॉजीटिव बतायी गयी. आखिरकार वह बालक कौन? इस पर पार्षद बजाज ने मनपा स्वास्थ्य विभाग से नाम पूछा तो उन्होंने नहीं बताया. परिसर में सैनिटाइजर का छिडकाव किया गया था. जबकि प्राप्त रिपोर्ट को लेकर पूछताछ जारी थी. आखिकार कडी पूछताछ करने पर पता चला कि, उस बालक की रिपोर्ट पॉजीटिव बतायी गयी है. परंतु नागपुर के लैब से रिपोर्ट निगेटिव आने पर आखिरकार किसकी रिपोर्ट सही माने, किसकी गलत. इस विषय पर असमंजस की स्थिति बनी है.