परतवाडा/दि.21 – शंकरपट का आयोजन अब आसान नहीं रहा है. जिलाधिकारी से ली जानेवाली अनुमति के लिए आयोजको के आवेदन के साथ आठ अधिकारियों की रिपोर्ट लगती है. बैलगाडी स्पर्धा (शंकरपट) आयोजित करने वाले के पास ही दर्शको के सुरक्षा की जिम्मेदारी रहती है. दर्शको के लिे मूलभूत सुविधा उपलब्ध कर देने के साथ वैद्यकिय सेवा और एंबुलंस भी आयोजक को सुसज्ज रखनी पडती है. साथ ही 50 हजार रुपए की गारंटी भी आवेदक को जिला प्रशासन को देनी पडती है. इस तरह की बैंक गारंटी अथवा नकद स्वरुप में भरनी पडती है.
बहिगरम यात्रा में 21 से 24 जनवरी तक शंकरपट आयोजित है. श्रीक्षेत्र बहिरम, शंकरपट आयोजन समिति के अध्यक्ष संतोष किटुकले ने प्रशासन से इसकी अनुमति मांगी. इसके लिए उपविभागीय अधिकारी, जिला पशुसंवर्धन उपायुक्त, कारंजा बहिरम ग्रामसचिव, जिला पुलिस अधीक्षक, चांदुर बाजार के गटविकास अधिकारी की रिपोर्ट महत्वपूर्ण साबीत हुई. आवश्यक सभी प्रशासकीय प्रक्रिया पूरी होने के बाद जिलाधिकारी ने इस शंकरपट आयोजन में शर्तो पर अनुमति दी है.
दो नायब तहसील को अधिकार
बैलगाडी प्रतियोगिता के दौरान नियम व शर्त के अधिनियम या दी गई अनुमति का पालन किया जा रहा है, या नहीं इस बात पर ध्यान रखने के लिए दो नायब तहसीलदार बहिरम यात्रा में आयोजित बैलजोडी प्रतियोगिता में उपस्थित रहेंगे. इस दौरान नियम व शर्तों का उल्लंघन होता हुआ पाया गया, तो इस प्रतियोगिता को रोकने का अधिकार इन नायब तहसीलदारों को दिया गया है.
पशु संवर्धन अधिकारी की नियुक्ति
बैलगाडी प्रतियोगिता में लम्पी चर्मरोग प्रतिबंधात्मक उपाययोजना पर अमल करने के लिए बैलगाडी प्रतियोगिता का निरीक्षण करने के लिए पशु स्वास्थ्य अधिकारी की नियुक्ति की गई है. प्राणियों के साथ क्रूरता से रवैया करने पर प्रतिबंध कर उस पर ध्यान रखने की जिम्मेदारी पशु संवर्धन अधिकारी को सौंपी गई है.
डिजिटल वीडियोग्राफी
शंकरपट बैलगाडी प्रतियोगिता में शामिल होने वाले प्रतियोगियों की जानकारी, आवेदन, बैलगाडी प्रतियोगिता के अनुपालन की रिपोर्ट, पशु स्वास्थ्य प्रमाणपत्र इन पूरे आयोजन का डिजिटल वीडियोग्राफी की जाएगी. प्रतियोगिता समाप्त होने के बाद 15 दिनों के अंदर जिलाधिकारी कार्यालय में आयोजकों को प्रस्तूत करना पडेगा. अमरावती स्नातक निर्वाचन क्षेत्र के चुनाव की आदर्श आचार संहिता भंग न होने पाए, इसका ध्यान भी आयोजकों को रखना पडेगा.