अमरावती

भटके हुए भालू के ‘उस’ शावक को आखिरकार मिली मां

वनविभाग की रेस्क्यू टीम ने किए थे प्रयास

परतवाड़ा /दि. ८– अपनी मां से बिछडे दूधमुंहे भालू के शावक को आखिरकार १८ घंटे बाद उसकी मां मिली. अपनी मां से मिलने के बाद भालू के शावक का आक्रोश बंद हुआ. मेलघाट प्रादेशिक वनविभाग परतवाडा अंतर्गत अंजनगांव वनपरिक्षेत्र के दहिगांव खिरपाणी रोड पर खिरपाणी गांव के पास मां से बिछडा भालू का शावक ६ फरवरी की सुबह पाया गया. मां के वियोग में आक्रोश कर रहा यह शावक गरजदरी के किसान दगडू को दिखाई दिया. उन्होंने तुरंत इसकी जानकारी वनविभाग को दी. जानकारी मिलते ही वनविभाग सतर्क हुआ. वन अधिकारी और कर्मचारियों का दल घटनास्थल पर पहुंचा. ६ फरवरी को अंजनगांव का बाजार रहने से गरजदरी, खिरपाणी, दहिगांव के लोगों की आवाजाही इस मार्ग पर रही. भालू के शावक को देखने के लिए गांव के लोगों ने भीड की. मेलघाट प्रादेशिक वन विभाग के उपवनसंरक्षक गिन्नी सिंह, अमरावती प्रादेशिक वनविभाग के उपवनसंरक्षक बाला के मार्गदर्शन में वन अधिकारी व कर्मचारियों ने घटनास्थल का निरीक्षण किया. और भालू के शावक पर अपना ध्यान केंद्रीत किया. शावक को रेस्क्यू करने के लिए अमरावती से रेस्क्यू टीम बुलाई गई. भालू के शावक का रेस्क्यू कर उसे सुरक्षित स्थानपर पहुंचाने का निर्णय रेस्क्यू टीम सहित वनाधिकारी व कर्मचारियों ने वापस लिया. उन्होंने शावक को प्राकृतिक वातावरण में मानवी हस्तक्षेप से दूर रखा. दौरान मध्यरात्रि के बाद दो बजे के करीब भालू के शावक की मां पहुंची और वह अपने शावक को लेकर जंगल में दूर तक निकल गई. अंजनगांव वनपरिक्षेत्र के वनपरिक्षेत्र अधिकारी व्ही.बी.गुलरेकर, वनरक्षक आर.पी.भाकरे, व्ही.एस.सोडगीर, एन.बी.सदांशिव, पी.एम.यादव, अक्षय मेश्राम, शंकर उगले, वनमजदूर और चौकीदार करीब १८ घंटे तक उस भालू के शावक पर नजर रखे हुए थे. बिछडे हुए शावक को उसकी मां ने अपने साथ ले जाने के बाद ही सभी अधिकारी और कर्मचारी वापस लौटे.

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