* पारशिवणी के जंगल से किया गया था रेस्क्यू
* महकमा बता रहा अन्य बाघों को देख डर गया था
अमरावती/नागपुर/दि.13 – अमरावती वन विभाग के रेस्क्यू पथक ने पारशिवणी के फालोरा-नयाकुंड जंगल से रविवार को रेस्क्यू किये गये बाघ ने गत रात नागपुर में वन विभाग के कब्जे में रहते दम तोड दिया. इस बाघ का आज सबेरे पोस्टमार्टम किया गया. उसकी रिपोर्ट आने में समय है. फिर भी बताया जा रहा है कि, अधिवास मेें छोडने से पहले ही अन्य बाघों की गर्जना सुनकर मारे डर के इस बाघ ने प्राण त्याग दिये.
* दो-तीन माह से शिकार
अमरावती वन विभाग रेस्क्यू पथक के अमोल गावनेर, सुरेश मनगटे, सुरज भांबुरकर ने पारशिवणी वन क्षेत्र में बचाव अभियान चलाया. वहां के वन अधिकारी भी साथ थे. यह बाघ पारशिवणी के आसपास के गांवों में गत दो-तीन माह से पालतू जानवरों का शिकार कर रहा था. जिसके कारण गांवों में लोगों के बीच घबराहट थी. उन्होंने कई बार वन विभाग को सूचित किया.
* मानव-पशु संघर्ष टालने रेस्क्यू
वन अधिकारियों ने बताया कि, बढती मवेशी शिकार के कारण लोगों का बाघ के प्रति गुस्सा भी बढा था. जिसके कारण मवेशी का शिकार करते-करते बाघ किसी दिन किसी व्यक्ति पर भी हमला कर सकता था. इस आशंका के कारण मुक्त फिर रहे बाघ को नैसर्गिक अधिवास में छोडने के लिए बेशुद्ध कर रेस्क्यू करने का निर्णय किया गया. अमरावती से टीम बुलाई गई.
* प्रधान वन संरक्षक का आदेश
प्रधान वन संरक्षक के कानूनन आदेशानुसार अमरावती की टीम पारशिवणी पहुंची. फालोरा और नयाकुंड के जंगल से उसे बडी होशियारी और मेहनत से डार्ट मारकर बेहोश किया गया और गोरेवाडा वन विभाग को सुपुर्द करने की जानकारी एक अधिकारी ने दी. उन्होंने ही बताया कि, गोरेवाडा विभाग के कब्जे में रहते बाघ ने रात को दम तोड दिया. सुबह प्रावधान के अनुसार बाघ का शव परीक्षण किया गया है, जिसकी रिपोर्ट दोपहरबाद प्राप्त होगी.