अमरावती

शहर में 91 भूखंडों के आरक्षण हटाए गए

पूर्व पार्षद मुन्ना राठोड का सनसनीखेज दावा

  • ईडी के पास करेंगे शिकायत

अमरावती/दि.16 – शहर विकास के साथ स्थापित शासकीय व मनपा की समिति में 91 भूखंडों का आरक्षण हटाया है, इस तरह का आरोप पूर्व पार्षद मुन्ना राठोड ने किया है. उन्होंने कहा कि आर्थिक लाभ के लिए यह आरक्षण हटाए गए है. इस कारण उन्होंने इसकी जांच करने की मांग भी की है. पूर्व पार्षद राठोड के अनुसार वे स्वयं इस मामले की प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से शिकायत करेंगे. पूर्व पार्षद राठोड कल यहां एक पत्रकार परिषद को संबोधित कर रहे थे.
उन्होंने बताया कि एक वर्ष पहले सरकार ने महानगर विकास प्रारुप के लिए नियुक्त की गई छह सदस्यीय समिति ने इसकी रिपोर्ट सरकार को सौंपी थी. इस समिति ने 63 भूखंडों का आरक्षण हटाने का आरोप भी राठोड ने किया है. उसपर आपत्ति जताने के बाद आमसभा ने गटनेता व ज्येष्ठ पार्षदों की समिति जांच के लिए नियुक्त की. इस समिति ने दुबारा 28 भूखंडों का आरक्षण हटाया, इस तरह कुल 91 भूखंडों का आरक्षण गैर कानूनी तरीके से हटाया गया है. शासन व्दारा नियुक्त छह सदस्यीय समिति ने तत्कालीन स्थायी समिति सभापति बालू भुयार, महापौर चेतन गांवडे, पार्षद अस्मा परवीन आदि का समावेश था. जब आमसभा में आपत्ति जताने के बाद महापौर के कक्ष में गुटनेता व ज्येष्ठ पार्षदों की समिति तैयार की गई. उसमें भी बडे पैमाने पर गडबडी हुई है. जिसकी शिकायत सभी शासकीय कार्यालयों से की है, लेकिन दबाव के चलते इसकी दखल नहीं लिये जाने से अब इस संदर्भ में उन्होेंने ईडी से शिकायत की है.

Chetan-Gawande-Amravati-Mandal

आरोप तथ्यहीन

राठोड व्दारा किये गए आरोपों में कोई तथ्य नहीं है, इसके पूर्व भी उन्होंने कई बार शिकायतें की है. समिति में केवल जनप्रतिनिधि ही नहीं तो राज्य सरकार के तीन सदस्य थे. आमसभा में कहा कहा से आरक्षण हटाए गए इसकी जानकारी दी गई. जिसके बाद आपत्ति उठाई गई. तब कोई नहीं आया और उसके बाद प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा गया. उसी समय आपत्ति जताई जाती तो निश्चित ही आरक्षण नहीं हटाया जाता.
– चेतन गावंडे, महापौर

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