आरक्षित निर्वाचन क्षेत्रों को भी बीजेपी पर है भरोसा
अनुसूचित जाति की 29 सीटों में से 10 सीटों पर विजयी
* कांग्रेस तीन तो उद्धव सेना दो सीटें हार गई
यवतमाल/दि.26-अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित राज्य के 29 निर्वाचन क्षेत्रों में से करीब दस सीटों पर बीजेपी का परचम लहराया है. कांग्रेस को तीन सीटें गंवानी पडी, जिनमें से पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने सात सीटें जीती थीं. खास बात यह है कि, चारों ने तीन बार तो तीनों ने लगातार चौथीबार जीत का गुलाल उडाया. मिरज निर्वाचन क्षेत्र से सुरेश खाडे पांचवी बार विजयी हुए है.
2008 के परिसीमन के बाद, राज्य में अनुसूचित जाति के 27 तथा अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित 25 विधानसभा क्षेत्र हैं. 2019 के विधानसभा चुनाव में अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित 29 निर्वाचन क्षेत्र में से बीजेपी ने 9, कांग्रेस ने 7, राष्ट्रवादी कांग्रेस ने 6, शिवसेना ने 5 तथा निर्दलीय ने दो सीटों पर जीत हासिल की थी. इस बार हुए विधानसभा चुनाव में भी अनुसूचित जाति के लिए इन 29 सीटों में सर्वाधिक 10 सीटें बीजेपी ने जीती है. कांग्रेस को केवल चार सीटों पर संतोष करना पडा. उद्धव सेना और शरद पवार गुट को प्रत्येकी तीन सीटें मिली और शिंदेसेना और अजित पवार गट ने प्रत्येक चार सीटें हासिल की है. हातकणंगले की एक सीट जनस्वराज्य पार्टी ने जीती है.
* चारोें ने जडा विजयी चौका
-अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित निर्वाचन क्षेत्र के भुसावल के संजय सावकारे, औरंगाबाद पश्चिम से शिंदेसेना के संजय शिरसाट और अंबराथ से बालाजी किणीकर यह तीन उम्मीदवार लगातार चौथीबार विजयी हुए है. जबकि नागपुर उत्तर से कांग्रेस के नितिन राउत, भंडारा से नरेंद्र भोंडेकर, बदनापुर से नारायण कुचे और पुणे के पिंपरी निर्वाचन क्षेत्र से अण्णा बनसोडे लगातार तीसरी बार विजयी हुए.
-नांदेड के देगलुर से कांग्रेस की ओर से रावसाहेब अंतापुरकर दो बार निर्वाचित हुए थे. उनकी मृत्यु के बाद बेटे जितेश अंतापुरकर ने उपचुनाव जीता. इसबार वे दुसरी बार भाजपा से विजयी हुए.
* लोकसभा में 4 में से 3 सीटें हार गईं थी
लोकसभा चुनाव में अनुसूचित जनजाति की चार सीटों में से तीन पर बीजेपी हार गई थी. डिंडोरी में तत्कालीन केन्द्रीय राज्य मंत्री डॉ. भारती पवार, नंदुरबार में डॉ. हीना गावित और गडचिरोली में अशोक नेते को हार का सामना करना पडा. वोट विभाजन का फायदा होकर पालघर में भाजपा के डॉ.हेमंत सावरा विजयी हुए थे.
-भाजपा के कुछ केंद्रीय नेताओं ने प्रचार में घोषणा की थी कि वे समान नागरिक कानून लागू करेंगे. यह कानून आने पर आदिवासियों को संविधान ने दिए विशेष अधिकार समाप्त होंगे, ऐसा प्रचार मविआ नेताओं ने किया और इसका झटका भाजपा लगा, यह बात सामने आई थी.
एससी, एसटी निर्वाचन क्षेत्रों में क्या हुआ?
* एसटी (25) * एससी निर्वाचन क्षेत्र (29)
पार्टी सीटें (2019)
भाजपा 8 9
शिवसेना 3 5
कांग्रेस 4 7
राष्ट्रवादी 6 6
अन्य 4 2
* एसटी (25) * * एससी निर्वाचन क्षेत्र (29)
पार्टी सीटें (2024)
भाजपा 10 10
शिंदेसेना 6 4
अजित पवार गट 6 5
उद्धव सेना 0 4
शरद पवार गट 2 3
कांग्रेस 0 2
अन्य 1 1
* मिराज से सुरेश खाडा पांचवीं बार जीते
मिरज इस आरक्षित निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा पालक मंत्री सुरेश खाडे यह उद्धव सेना के तानाजी सातपुते को पराजित कर पांचवी बार विजयी हुए है. धाराशिव जिले के उमरगा विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र में शिवसेना शिंदे के ज्ञानराज चौगुले की चौथीबार हार हुई है.
* सातारा के फलटण में भी तीन बार विधायक रह चुके दीपक चव्हाण को इस बार हार का सामना करना पडा. मुंबई के धारावी विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से सांसद वर्षा गायकवाड यह कांग्रेस से लगातार तीन बार विधायक थीं.
* अब यहां पर ज्योति गायकवाड जीतीं हैं. वाशिम की आरक्षित सीट भी भाजपा ने लगातार चौथीबार जीतीं हैं. यहां से लखन मलिक लगातार तीन चुनाव में भाजपा से विजयी हुए थे. इस बार भाजपा ने श्याम खोडे को उम्मीदवारी दी थी. पहले ही प्रयास में उन्होंने जीत हासिल की.