अमरावती

जिला परिषद शालाओं को आरक्षित व समग्र शिक्षा अनुदान दे

प्राथमिक शिक्षक समिति की मांग

अमरावती/ दि. 22– अमरावती जिला परिषद शालाओं को सन 2021-22 इस शैक्षणिक सत्र के लिए 4 प्रतिशत आरक्षित रकम व समग्र शिक्षा अभियान देने की मांग महाराष्ट्र प्राथमिक शिक्षक समिति जिला शाखा अमरावती ने जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी व प्राथमिक शिक्षाधिकारी से निवेदन द्बारा की है.
जिला परिषद शालाओ को कार्यालयीन खर्च के लिए निधि की आवश्यकता होती है. शैक्षणिक सत्र खत्म होने को आ रहा है फिर भी शालाओं को आरक्षित रकम व समग्र शिक्षा अनुदान प्राप्त नहीं हुआ. जिसके कारण शालाओं को आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड रहा है. निधि न होने के कारण शालाओं को बिजली बिल, पानी बिल, कार्यालयीन काम के लिए लगनेवाली सामग्री खरीदी, शैक्षणिक उपक्रम के लिए लगनेवाली सामग्री खरीदी तथा कोरोना के कारण शाला में लगनेवाले हॅन्डवॉस लिकविड,सैनिटायजर,मास्क खरीदी ऐसी अनेक सामग्री के लिए निधि की आवश्यकता होती है.
इसके अलावा शाला के परिसर की सफाई करने के लिए लगनेवाली मजदूरी ऐसे अनेक खर्च शाला के मुख्याध्यापक व शिक्षको को उठाना पडता हे. निधि न होने के कारण मुख्याध्यापक व शिक्षको को स्वयं के वेतन से शाला के लिए खर्च करना पडता है. आर्थिक जुर्माना कम करने के लिए शालाओं को 4 प्रतिशत व समग्र शिक्षा अभियान अनुदान तत्काल मिले ऐसी मांग प्राथमिक शिक्षक समिति ने की है.
शासन ने सभी शिक्षा अभियान बंद करके समग्र शिक्षा अभियान शुरू किया है. इसके लिए पुराने बैंक खाते बंद करके महाराष्ट्र बैंक में नये खाते निकलवाए. पुराने खाते में जमा रहनेवाले निधि शिक्षा विभाग ने सरकार के पास जमा किया. शाला के पास जमा रहनेवाला निधी शासन के पास जमा हुआ परंतु नया निधि शाला को दिया ही नहीं. जमा किया गया यह निधि भी गया और नया निधी भी नहीं मिला. तेल भी गया घी भी गया ऐसी नौबत शाला पर आ गई.
निधि न होने के कारण शाला की बिजली आपूर्ति व जलापूर्ति खंडित हो गई है. शाला का बिजली बिल व पानी बिल जिप अथवा पं.सं और ग्राम पंचायत भरे ऐसी मांग शिक्षक समिति ने की है.
इस ओर जिला प्रशासन,तहसील प्रशासन और ग्राम पंचायत अनदेखा कर रहे है. शाला का बिजली बिल घरेलू दर की अपेक्षा वसूल करे , ऐसी भी मांग शिक्षक समिति ने की है. किंतु इस ओर जिला प्रशासन और तहसील प्रशासन और ग्राम पंचायत अनदेखा कर रहे है. किंतु शाला का बिजली बिल व्यवसाय के दर से वसूल किया जाता है.

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