अमरावती

निवासी डॉक्टरों ने संभाला नर्सिंग का जिम्मा

पुरानी पेंशन के लिए मेडिकल स्टाफ हैं हडताल पर

अमरावती/दि.18- पुरानी पेंशन योजना को लेकर सरकारी कर्मचारियों व्दारा शुरु की गई हडताल में सरकारी स्वास्थ्य कर्मी भी शामिल है. जिसके चलते सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाएं गडबडा गई है और सरकारी अस्पतालों में मरीजों के इलाज व देखभाल का काम पूरी तरह से प्रभावित हुआ है. साथ ही कई शल्यक्रियाओं को भी आगे टालना पडा है. ऐसे में इस समय जो मरीज अस्पताल में भर्ती है उनकी देखभाल और सेवा के लिए निवासी डॉक्टरों ने मेडिकल व नर्सिंग स्टाफ की भूमिका निभानी शुरु कर दी है. ताकि इलाज करा रहे मरीजों को किसी भी तरह की दिक्कत या तकलीफ का सामना न करना पडे.
उल्लेखनीय है कि जिला सामान्य अस्पताल व जिला स्त्री अस्पताल में समूचे जिले से मरीज भर्ती होते है. साथ ही पडोसी जिलों सहित मध्यप्रदेश के सीमावर्ती इलाकों से भी कई महिला व पुरुष मरीज इलाज ेके लिए जिला सामान्य अस्पताल में तथा कई गर्भवती महिलाएं प्रसूति हेतु जिला स्त्री अस्पताल में भर्ती होती है. इसके अलवा जिले के सभी उपजिला अस्पतालों और ग्रामीण अस्पतालों में भी संबंधित क्षेत्रों के मरीज इलाज व चिकित्सा के लिए भर्ती होते है. यह सिलसिला अब भी जारी है. परंतु विगत चार दिनों से पुरानी पेंशन योजना को लेकर राज्य के सरकारी व अर्धसरकारी कर्मचारियों व्दारा हडताल की जा रही है. जिसमें स्वास्थ्य सेवा के तृतीय व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी भी हिस्सा ले रहे है. ऐसे में सरकारी अस्पतालों में मेडिकल व नर्सिंग स्टाफ की किल्लत हो गई है. जिसके चलते जिला शल्यचिकित्स कार्यालय व्दारा जिले के सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाओं को सुचारु रखने हेतु परिचारिका प्रशिक्षण केंद्र में अंतिम वर्ष के छात्र-छात्राओं सहित मेडिकल पाठ्यक्रम के अंतिम वर्ष में रहनेवाले छात्र-छात्राओं को आपात सेवा हेतु बुलाया गया है. साथ ही सभी सरकारी अस्पतालोें के निवासी डॉक्टरों की छूट्टियां रद्द कर दी गई है. विशेष उल्लेखनीय यह भी है कि ऐसे आडे समय निवासी डॉक्टरों का संगठन मार्ड भी प्रशासन की सहायता हेतु आगे आया है. अब निवासी डॉक्टरों व्दारा मरीजों को इंजेक्शन देने, सलाईन लगाने, ड्रेसिंग करने व नाक की नली से फिडिंग करने जैसे कामों का जिम्मा उठाया गया है. अमूमन यह सभी काम मेडिकल स्टाफ विशेषकर नर्सिंग स्टाफ व्दारा किए जाते है. परंतु समय की नजाकत और मरिजों को जरुरत को देखते हुए डॉक्टरों व्दारा नर्सिंग स्टाफ की भूमिका भी निभाई जा रही

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