अमरावती

अभ्यास मंडळ की आवासीय बैठकों को शिक्षण मंच का विरोध

विश्वविद्यालय के धन का अपव्यय न हो- प्रा. प्रदीप खेडकर

अमरावती/दि.18– विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा लिए गए निर्णय के अनुसार पाठ्यक्रम के पुनर्गठन के लिए 2 से 4 जून के बीच सभी अध्ययन मंडळ की तीन दिवसीय आवासीय बैठक का आयोजन किया गया है. शिक्षण मंच ने प्राधिकरण सदस्यों को विश्वास में बिना लिए एकतरफा तरीके से लिए गए निर्णय का कड़ा विरोध किया है और विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति से एक निवेदन में बैठक को रद्द करने का अनुरोध किया है.
इस अवसर पर विश्वविद्यालय ने सैकड़ों सदस्यों के साथ अध्ययन मंडळ के सभी सदस्यों को तीन दिवसीय आवासीय बैठक के लिए आमंत्रित कर सभी प्राध्यापक के प्रवास आवास और भोजन की जिम्मेदारी ली. इससे विद्यापीथ पर भारी आर्थिक दबाव पड़ेगा. छात्र धन की इस अपव्यय के विरोध में भूमिका कई अध्ययन अध्यक्षों और सदस्यों ने ली है. शैक्षणिक सत्र की समाप्ति के बाद, सभी मंडळ सदस्य आवश्यक वार्षिक रिपोर्ट तैयार करने, एपीआई भरने, अगले वर्ष की योजना बनाने, आगामी परीक्षाओं की तैयारी जैसी व्यस्त गतिविधियों में शामिल होते हैं. अमरावती विश्वविद्यालय में अन्य सभी विश्वविद्यालयों की तुलना में छूटीया की संख्या कम होने के कारण प्राध्यापकों का कार्यकाल बहुत कम हो रहा है. पूर्व घोषित छुट्टियों के कारण, कई प्रोफेसरों ने कक्षाओं, प्रशिक्षण, अवकाश यात्राओं की योजना बनाई है, ये बैठकें इस योजना के नियोजन बिघाड देंगी.
इसी तरह, चूंकि विश्वविद्यालय में सभी विषय विभाग नहीं हैं, इसलिए उन विषयों के पाठ्यक्रम पुनर्गठन के लिए आवश्यक संदर्भ पुस्तकें उपलब्ध नहीं होंगी जिनके लिए विश्वविद्यालय में कोई विभाग नहीं है. कई अध्ययन मंडळ को इस विषय पर विशेषज्ञों की एक उपसमिति स्थापित करने की आवश्यकता होती है, यदि वे अपने स्वयं के साथ अन्य संबंधित विषयों के पाठ्यक्रम का पुनर्गठन करना चाहते हैं. इन तीन दिनों में ऐसी उप-समिति का गठन करना और संबंधित व्यक्ति को बैठक के लिए आमंत्रित करना संभव नहीं होगा. चूंकि पाठ्यचर्या पुनर्गठन के लिए बड़ी संख्या में पाठ्यचर्या परिवर्तन की आवश्यकता होती है, इसलिए अध्ययन मंडळ के सदस्यों के अलावा विश्वविद्यालयों या अन्य विश्वविद्यालयों के विशेषज्ञ प्रोफेसरों को शामिल करना उचित होगा. इसके लिए ऐसे विशेषज्ञों का चयन करने के लिए बोर्ड ऑफ स्टडीज की पहली बैठक जरूरी है. अतः 2 से 4 जून के बीच होने वाली अध्ययन मंडळ की बैठक को रद्द कर दिया जाए और अध्ययन मंडळ को सभी अध्ययन मंडळ से अनुरोध किया जाए कि वे पहले की तरह अध्ययन मंडळ की बैठक आयोजित करें और निर्धारित तिथि से पहले पाठ्यक्रम का पुनर्गठन करें और उसे प्रस्तुत करें.

* विद्यापीठ में नियोजित बैठकें बढाये
छात्रों के लाभ के लिए एक व्यापक पाठ्यक्रम बनाने के लिए, विश्वविद्यालय निधि, प्रोफेसरों की विभिन्न जिम्मेदारियों और दीर्घकालिक परिणामों के लिए, विश्वविद्यालय को नियमित बैठकें आयोजित करके अध्ययन मंडळ की बैठकें आयोजित करनी चाहिए.
– प्रा. प्रदीप खेडकर

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