अमरावती

मोक्षधाम का परिसरवासियों ने किया विरोध

लगातार तीन साल से चल रहा विरोध का सिलसिला

अमरावती/प्रतिनिधि दि.२६ – शहर के बीचोंबीच भुतेश्वर-गडगडेश्वर मार्ग पर स्थित हिंदू मोक्षधाम का आसपास की रिहायशी बस्तियों में रहनेवाले लोगों द्वारा विगत तीन वर्षों से लगातार विरोध किया जा रहा है. साथ ही इन दिनों मोक्षधाम में कोविड संक्रमित मृतदेहोें का अंतिम संस्कार किये जाने के चलते यह विरोध और भी अधिक मुखर हो गया है. जिसके तहत बुधवार को परिसरवासियों की कृति समिती द्वारा हिंदू मोक्षधाम में बडे पैमाने पर होनेवाले अंतिम संस्कार, विशेषकर कोविड मृतदेहों का अंतिम संस्कार किये जाने को लेकर मोक्षधाम के समक्ष विरोध प्रदर्शन किया गया.
कृति समिती का कहना है कि, जिस समय यहां पर श्मशान घाट बनाया गया था, तब आसपास रिहायशी बस्तियां नहीं थी. किंतु अब मोक्षधाम के चारों ओर रिहायशी बस्तियां बस गयी है और श्मशान घाट में होनेवाले अंतिम संस्कारों से निकलनेवाले राख और धुएं के कण उनके घरों में आते है. ऐसे में श्मशान घाट को शहर के बाहरी इलाके में स्थलांतरित किया जाये. साथ ही कोविड संक्रमित मृतदेहों का अंतिम संस्कार शहर के बाहरी इलाकों में स्थित श्मशान भुमियों में किया जाये.
यह आंदोलन करते समय भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता शिवराय कुलकर्णी, क्षेत्र के पार्षद स्वाती कुलकर्णी,
लविना हर्षे, अजय पाटील सारस्कर व प्रणित सोनी, अरविंद गंगेले, मंगेश बारस्कर, गजेंद्र दाभाडे, अनुप ठाकरे, अभय मांडवेकर, अजय टोम्पे, विजय टोम्पे, अभय शालीग्राम, दीपक शाह, दुरने, उन्नती शालीग्राम, ज्योत्सना सदार, अंजली मोहरील, सारिका ठाकरे, सोनिया तिवारी, गीता दाभाडे, चंद्रशेखर कुलकर्णी, विशाल कुलकर्णी, प्रतीक जोशी, हनुमान शेलके, गौरव पेठे, रवी लोडाम, चव्हाण, आकाश रायबोले, अक्षय तराडे, प्रवीण तराडे, प्रणव गोहड, आशिष कोठार, रोहित तिवारी, दिनेश पटेल, किरण लावरे, धोटे, राजु बागोकर, सुनील सालुंके, चेतन उभाड, ऋतिक शेलके, आशिष पातूर्डे, जोधडे, अश्टणकर, वारे,
मंगेश तराडे आदि सहित गणेश कॉलोनी, करवा ले आऊट, कोल्हटकर कॉलोनी, देशपांडे वाडी, श्रीनाथ वाडी, देसाई ले आऊट परिसर के नागरिक उपस्थित थे. जिन्होंने श्मशान भूमि के सामने खडे रहकर शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन किया.

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