सेवाभाव के सम्मान से होता है सत्कार्यो का विस्तार
अयोध्या न्यास के कोषाध्यक्ष गोविंददेव गिरि का कहना
* संत अच्युत महाराज हार्ट अस्पताल को प्रथम रमेश गोडबोले पुरस्कार प्रदान
* हव्याप्रमं के सोमेश्वर पुसदकर सभागार में प्रभावी कार्यक्रम
* खचाखच भरा सभागार
अमरावती/ दि. 28– सामान्य लोगों का असामान्य कार्य कर देना महत्वपूर्ण है. संत अच्युत महाराज का कार्य भी ऐसी ही महनीय श्रेणी में आता है. आज अच्युत महाराज हार्ट अस्पताल को रमेश गोडबोले स्मृति सेवा प्रतिष्ठान का पहला पुरस्कार प्रदान करते हुए हर्ष और गौरव की अनुभूति हो रही है. सेवाभाव के सम्मान से सत्कार्यो का सत्कार होना आवश्यक है. इससे सत्कार्यो का विस्तार होता है. इन शब्दों में भागवताचार्य एवं श्रीराम जन्मभूमि मंदिर न्यास के कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरि जी ने गत शाम गोडबोले स्मृति सेवा प्रतिष्ठान की भी प्रशंसा की. उनके हस्ते हव्याप्रमं के सोमेश्वर पुसदकर सभागार में प्रथम रमेश गोडबोले स्मृति सेवा पुरस्कार से संत अच्युत महाराज हार्ट अस्पताल को गौरवान्वित किया गया. इस समय मंच पर प्रसिध्द वक्ता और प्रतिष्ठान अध्यक्ष विवेक घलसासी, हार्ट अस्पताल के डॉ. अनिल सावरकर विराजमान थे.
आचार्य श्री ने कहा कि रमेश गोडबोले स्वयं सेवाधर्म को अपनाए व्यक्तित्व थे. उनके नाम से इस प्रकार के पुरस्कार का समस्त समाज स्वागत ही करेगा. अच्युत महाराज के दर्शन भी उन्हें रमेश गोडबोले ने करवाए थे. पूज्य श्री ने कहा कि गोडबोले सदैव सक्रिय रहे. अच्युत महाराज के विचार और कार्य को भी न केवल अपनाया. अपितु उसे बढाने का कार्य भी उन्होंने किया. अपनी अदभूत विनयशीलता का परिचय भी इस समय गोविंद देव गिरि जी ने दिया. जब उन्होंने कहा कि यह पुरस्कार उनके हस्ते दिया जाना दरअसल ऐसा है कि, मंदिर में जाते समय हम छोटे बच्चे के हाथ से जिस प्रकार दानपेटी में दक्षिणा अथवा कोई भोग प्रसाद भगवान को अर्पित करवाते हैं. आचार्य जी ने कहा कि अच्युत महाराज की दूरदृष्टि आज हार्ट अस्पताल के कायो के विस्तार से होती है. उनका कार्य आगे ले जाना उनकी विरासत को सहेजना होगा. छत्रपति शिवाजी महाराज ने जिस प्रकार अपने जीवन में विचारों को अंगीकार किया. वैसा ही हमें भी करना है. अपने नपेतुले किंतु प्रभावी उद्बोधन में आचार्य श्री ने डॉ. रमेश गोडबोले के सेवा भाव एवं सक्रियता का भी सगर्व उल्लेख किया.
अध्यक्ष विवेक घलसासी ने सदन को बताया कि डॉ. रमेश गोडबोले स्मृति प्रतिष्ठान की स्थापना कर शहर और क्षेत्र की सेवाभावी संस्था एवं व्यक्ति को गोडबोले स्मृति सेवा पुरस्कार देने का निर्णय श्लाघनीय है. इससे सेवाभाव को प्रोत्साहन देने और युवा वर्ग को भी यह सेवाभाव अपनाने की प्रेरणा देने का उद्देश्य निहित है. 50 वर्षो तक मेडिकल क्षेत्र में रमेश गोडबोले ने जो सेवा दी. वह अनेक के लिए सदैव प्रेरणा देनेवाली होगी. इस पुरस्कार से इसमें अभिवृध्दि होगी.
पहले किया आचार्य श्री का सत्कार
संत अच्युत महाराज हार्ट अस्पताल की कार्यकारिणी के सदस्यों ने अध्यक्ष डॉ. अनिल सावरकर के नेतृत्व में पहले आचार्य श्री का सत्कार किया. उनका आशीष ग्रहण करने उपरांत पुरस्कार प्राप्त किया. अस्पताल के ट्रस्टी प्रा. सागर पासेबंद, डॉ. श्रीकांत देशमुख, सुधीर जोशी, सुधीर दिवे, मुरलीधर वाडेकार, डॉ. गुणवंत डहाने, मुकुंद वाइकर, नितिन कोल्हटकर, शरद आसरकर आदि को पुष्पमाला पहनाकर आचार्य श्री ने आशीर्वाद दिया. फिर पुरस्कार स्वरूप 1 लाख रूपए का धनादेश, स्मृति चिन्ह, मानपत्र प्रदान किया गया.
समारोह में अच्युत महाराज अस्पताल के डॉ. सावरकर ने महाराज श्री द्बारा 90 गांवों में घूमकर सामान्य लोगों को जोडकर बनाए गये साने गुरूजी मानवसेवा संघ की जानकारी दी. संघ के माध्यम से 12 हजार लोगों को हार्ट ऑपरेशन के लिए मुंबई भेजे जाने और उनमें से 1250 लोगों के ऑपरेशन संपन्न करवाने की जानकारी उपस्थितों को दी. यह भी बताया कि नागपुर के डॉ. उदय माहुरकर, मुंबई की डॉ. रत्ना और अमरावती के डॉ. सुभाष अरोरा व अनेक प्रसिध्द हृदयरोग चिकित्सकों के असाधारण योगदान के कारण कालांतर में संत अच्युत महाराज हार्ट अस्पताल साकार हुआ.
रोज 20 एनजीओग्राफी, एनजीओप्लास्टी
डॉ. सावरकर ने मार्डी रोड पर बनाए गये अस्पताल का प्रारंभ केवल 6 बेेड के कक्ष के साथ होने और आज गत 3 वर्षो से रोज 20-20 एनजीओग्राफी, एनजीओप्लास्टी किए जाने के साथ रोज 3-4 बायपास सर्जरी, पेसमेकर लगाने के ऑपरेशन हो रहे हैं. इसके लिए निश्चित ही संत अच्युत महाराज के विजन को श्रेय है. संचालन प्रा. मोहरील ने किया. मानपत्र को डॉ. किशोर फुले ने पढा. सभागार खचाखच भरा था. बाहर मैदान में कुर्सियां और एलईडी स्क्रीन लगाई गई थी. शहर के अनेक गणमान्य, चिकित्सा जगत की हस्तियां समारोह में पूरे समय उपस्थित रही.