अमरावती/ दि. 17– रबी सीजन में नगद फसल वाले चना उत्पादक किसानों ने फुटकर बाजार में गारंटी भाव की अपेक्षा 600 से 650 रूपये दर कम मिलने पर भी इस बिक्री को पसंद किया है. नाफेड की इस उलझी हुई प्रक्रिया व चुकारे मिलने में होनेवाला विलंब जिसके कारण किसानों ने शासकीय केन्द्र की ओर पीठ घुमाकर फुटकर बाजार मेंं भीड लगाई है.
स्थानीय बाजार समिति में चने की आवक इस सप्ताह में अच्छी मात्रा में हुई है. इस माह में 9 तारीख को बाजार समिति में 10 हजार 517 पोते की आवक हुई है. वह बढती गई है. 14 मार्च को सोमवार को सबसे अधिक 18 हजार 677 पोते बाजार में आए. उस दिन 4350 से 4750 रूपये प्र्रति क्विंटल भाव मिला. मंगलवार को यह भाव कम हो गया.
अधिकतम भाव 100 तथा न्यूनतम भाव 200 रूपये से कम हो गया. आवक भी कम हुई है. 9 मार्च को चढा हुआ भाव 4450 से 4800 रूपये यह दर कायम नहीं रही. इसके बाद वह 200 से 600 रूपये कम हो गया.
भाव कम होने पर व गारंटी भाव की अपेक्षा 600 से 650 रूपये कम मिलने पर भी किसानों का उत्साह फुटकर बाजार की ओर अधिक है.
यहा बाजार में नगद चुकारे है. यदि अधिक समय होने पर भी तीन से चार दिनों में वह अदा किए जाते है. जिसके कारेण स्थानीय बाजार में चने की आवक बढी है. नाफेड की ओर गारंटी भाव मिलने पर भी वह दर्जे पर निर्भर है. इसके अलावा बिक्री मर्यादा व दस्तावेज सहित चुकारे में होनेवाला विलंब के कारण किसानों ने पंजीयन करने पर भी बिक्री के लिए दूसरा स्थान दिया है.
दिनांक भाव आवक
9 मार्च 4250-4550 10,517
10 मार् 4450-4840 8186
11 मार्च 4350-4775 12,209
12 मार्च 4400-4741 10,419
14 मार्च 4350-4750 18677
15 मार्च 4250-4550 9602