* महापालिका उपायुक्त के आदेश
अमरावती/दि.29– लगभग ९०० दिवस अनधिकृत रूप से अनुपस्थित रहनेवाली एक सहायक शिक्षिका को महापालिका की सेवा में पुनर्स्थापित किया गया है. महापालिका उपायुक्त सुरेश पाटिल ने १८ जनवरी को उस संबंध में आदेश निकाला.
बुधवारा की महापालिका की उच्च प्राथमिक मराठी शाला में कार्यरत सहायक शिक्षिका की निरंतर अनुपस्थिति के संबंध में वहां के मुख्याध्यापको ने ४ जुलाई २०१९, १० जुलाई २०१९ व ८ सितंबर २०२१ के पत्रानुसार, महापालिका के शिक्षाधिकारियों को रिपोर्ट दी थी. उसके बाद १८ जून २०२० नुसार उन पर दो दोषारोपण किया गया. वे दोनों दोष उन्होंने इनकार किए. जिसके कारण जांच रिपोर्ट की प्रतिसहित उनका एक वार्षिक वेतनवृध्दि नियमानुसार क्यों रोका नहीं गया तथा ३ अगस्त २०१९ से काम पर नियुक्त होने तक अनधिकृत अनुपस्थित की कालावधि का वेतन क्यों दिया गया. ऐसा सवाल महापालिका की ओर से किया गया. उस पर उस शिक्षिका ने १० दिसंबर २०२१ को बचाव का निवेदन किया.
* ऐसा है आदेश
उस शिक्षिका का ३ अगस्त २०१९ से काम पर नियुक्त होने तक अनधिकृत अनुपस्थिति की कालावधि सेवा खंड की जानकारी ली जायेगी. वह सेवा निवृत्तिवेतन के लाभ के लिए नहीं दी जायेगी. उनका एक वर्ष की वेतनवृध्दि रोक दी जायेगी. भविष्य में इस प्रकार की पुनरावृत्ति होने पर उसकी गंभीर दखल ली जायेगी. ऐसी सख्त ताकीद दी जा रही है. वैद्यकीय मंडल के प्रमाणपत्र के अधीन रहकर काम पर नियुक्त होने की अनुमति दी जा रही है. आदेश की सेवा दर्ज की जायेगी. ऐसा आदेश में कहा गया है.
बुधवारा स्थित शाला से संबंधित शिक्षिका को पुनर्स्थापित किया गया है. उस संबंध में १८ जनवरी को आदेश निकाला गया है. उसकी एक वार्षिक वेतनवृध्दि रोकी गई है.
सुरेश पाटिल
उपायुक्त महापालिका