अमरावती /दि. 1– आज के दौर में हर घर और घर के हर सदस्य के पास मोबाइल अनिवार्य हो गया है. माता-पिता अपने बच्चों को बचपन में ही मोबाइल थमा देते है. मोबाइल की लत से बच्चे बिगड रहे है. जिसके कई दुष्परिणाम देखने को मिल रहे है. दाउदी बोहरा समाज ने बच्चों के मोबाइल इस्तेमाल पर पाबंदी का निर्णय लिया है. 15 साल के निचे बच्चों को किसी भी हालत में मोबाइल ना देने के निर्देश धर्मगुरु ने दिए है.
मोबाइल के अति इस्तेमाल से बच्चों की आंखो और दिमाग पर असर हो रहा है. मोबाइल की लत लगने से वे उसके आदी हो रहे है. मोबाइल न मिलने पर बेचैनी और चिडचिडे होते जा रहे है. कुछ बच्चे हिंसक भी हो रहे है. दाउदी बोहरा समाज ने सराहनीय पहल करते हुए 15 साल के बच्चों को मोबाइल से दूर रखने का निर्णय लिया है. स्कूल व समाज में व्यापक जनजागृति, कार्यशाला, सेमिनार लेने का निर्णय लिया है.
दाउदी बोहरा समाज के धर्मगुरु सैयदना आलीकदर मुफद्दल मौलाना साहब ने अपने संदेश में कहा कि, 15 साल के निचे के बच्चों को मोबाइल ना दें. 15 साल पूर्ण होने के बाद मोबाइल देने में हरकत नहीं है. मोबाइल के अति इस्तेमाल से बच्चों के मानसिक व शारीरिक स्वास्थ पर परिणाम हो रहा है. सोशल मीडिया के अन्य प्लैटफार्म, युट्युब, वाट्सएप, फेसबुक, इंस्टाग्राम का इस्तेमाल बच्चे कर रहे है. साईबर बुलिंग, ऑनलाइन धोखाधडी और आपत्तीजनक तथा अश्लील सामग्री बच्चों को आसानी से उपलब्ध हो रही है, जिससे बच्चे बुरे मार्ग पर चलने लगे है.
* सही और गलत का नहीं ज्ञान
बच्चों को सही और गलत का ज्ञान नहीं होता. कच्ची उम्र में मोबाइल इस्तेमाल करने से उनके जीवन पर नकारात्मक परिणाम होने लगता है. मोबाइल से दूर रहेंगे तो शारीरिक व मानसिक विकास होगा. खेल-कूद और पढाई में ध्यान दे सकेंगे. दाउदी बोहरा समाज के इस निर्णय का सर्वत्र स्वागत किया जा रहा है.