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अमरावती/दि.5 – राजापेठ पुलिस थाना क्षेत्र के देवरनकर नगर परिसर में महावितरण कार्यालय के समक्ष तत्कालीन एपीआई किशोर सालवी व पुलिस कर्मचारियों के साथ मारपीट करने के मामले में सेवानिवृत्त पुलिस निरीक्षक गजानन बलिराम शिंदे को नामजद किया गया था. अदालत ने 6 वर्ष के बाद शिंदे को इस आरोप से बाईज्जत बरी कर दिया है. आरोपी की ओर से एड.अनिल विश्वकर्मा ने सफल पैरवी की है.
जानकारी के अनुसार 5 मई 2015 को राजापेठ पुलिस थाने के तत्कालीन एपीआई किशोर सालवी ने शिकायत दर्ज कराई थी कि, शहर की बिजली आपूर्ति बंद होने के कारण देवरनकर नगर स्थित महावितरण कार्यालय के पास काफी भीड इकट्ठा हुई है. लोगों को शांत करने के लिए वे अपने दलबल के साथ वहां पहुंचे तब गजानन शिंदे व उनके साथ 4 आरोपियों ने पुलिस से हाथापाई की. पुलिस ने इस मामले में दफा 353 के तहत अपराध दर्ज कर तहकीकात के बाद अदालत में दोषारोप पत्र दायर किया. अदालत ने पांच गवाहों के बयान लिये. मारपीट के आरोप में नामजद शिंदे की ओर से पैरवी कर रहे एड.विश्वकर्मा ने अपनी दलीले पेश करते हुए कहा कि, पुलिस ने झूठे मामले में फंसाया है. साथ ही किसी भी प्रकार की पहचान परेड भी नहीं की गई. घटना के वक्त पुलिस व्दारा किये गए गैर कृत्य पर कार्रवाई न हो, इसलिए आरोपी के खिलाफ जानबुझकर अपराध दर्ज किया है. आरोपी पुलिस विभाग के ही सेवानिवृत्त अधिकारी है. उन्होंने किसी भी प्रकार का अपराध नहीं किया. अदालत ने एड.विश्वकर्मा की दलीलों को मान्य करते हुए शिंदे को आरोपों से बाईज्जत बरी कर दिया. इस मामले में एड.विश्वकर्मा को एड.अनिरुध्द लढ्ढा, एड.सीमा कश्यप ने सहयोग किया.