* जिले की 350 शालाओं को मिलेगा अवसर
अमरावती/दि.29- जिले सहित राज्य में 14 हजार 965 शालाओं की विद्यार्थी संख्या 20 से कम है. आरटीई नियमानुसार ऐसी शालाओं में साधारणतः 8 हजार शिक्षकों की आवश्यकता है. लेकिन सद्य स्थिति में वहां अंदाजन 29 हजार शिक्षक कार्यरत है. दूसरी ओर पटसंख्या अधिक होकर भी स्कूलों को शिक्षक नहीं मिल रहे, ऐसी वस्तुस्थिति है. इस पार्श्वभूमि पर अब 20 से कम पटसंख्या वाली शालाओं को बंद न करते हुए उन शालाओं में सेवानिवृत्त शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी.
निजी स्कूल, विशेषतः अंग्रेजी माध्यम की स्कूलों से स्पर्धा करने में जिला परिषद की शहरी भागों की शालाएं पीछे है. दिनोंदिन उन शालाओं की पटसंख्या कम हुई. पांच वर्ष से अधिक वर्ष तक इंतजार किया, लेकिन विद्यार्थी बढ़ने की बजाय कम ही हो गए. मात्र यहां के शिक्षकों की संख्या उतनी ही रही. जिसके चलते उन स्कूलों को बंद कर करीब की स्कूलों में क्लासेस बढ़ाने का विचार किया गया. जिसके चलते वहां के शिक्षक दूसरी स्कूलों में भेजे जा सके. ऐसा इसके पीछे का उद्देश्य था. लेकिन वह निर्णय उचित नहीं होगा, इसलिए दूसरा पर्याय अब सामने आया है. जिसके अनुसार अब सेवानिवृत्त शिक्षकों पर कम पटसंख्या की शालाओं की जिम्मेदारी होगी. उन शालाओं पर केंद्र प्रमुख व गट शिक्षणाधिकारी का वॉच होगा. इसमें से अधिकांश स्कूल ग्रामाीण भाग की रहेगी.
* दो वर्ष पूर्व सेवानिवृत्त शिक्षकों का चयन
राज्यभर के जिला परिषद की 60 हजार 912 शालाएं होकर, 43 लाख 56 हजार विद्यार्थियों के लिए 2 लाख 14 हजार 660 शिक्षक कार्यरत हैं. हर साल तीन प्रतिशत शिक्षक सेवानिवृत्त होने से सद्य स्थिति में जि.प. की 27 हजार शालाओं में पटसंख्या के प्रमाण में शिक्षक नहीं. जिसके चलते 20 से कम पटसंख्या की शालाओं के सभी शिक्षक-मुख्याध्यापक अब अन्य शालाओं में भेजे जाएंगे. कम पटसंख्या की स्कलों पर दो वर्ष पूर्व सेवानिवृत्त हुए शिक्षकों को नियुक्त किया जाएगा. उन्हें हर माह 20 हजार रुपए मानधन दिया जाएगा.