अमरावती

कम पटसंख्या वाली शालाओं में सेवानिवृत्त शिक्षक देंगे शिक्षा

युवा बेरोजगार शिक्षकों पर एक तरह से यह अन्याय

अमरावती/दि.6- जिला परिषद शाला की पटसंख्या दिनोंदिन कम हो रही है. इस कारण 0 से 20 पटसंख्या वाली शाला बंद कर उसका समायोजन करने का निर्णय राज्य के शिक्षा विभाग व्दारा लिया गया था. अनेक शाला बहूल और गैर आदिवासी इलाके में रहने से उसे बंद किया गया. इस कारण विद्यार्थी शिक्षा से वंचित रहने की संभावना निर्माण होने लगी. इस कारण इन शालाओं को बंद न करते हुए वहां सेवानिवृत्त शिक्षकों को नियुक्त करने का निर्णय शासन व्दारा लिया गया है. नए शिक्षक नौकरी की तलाश में अभी भी बेरोजगार होकर घूम रहे है. सेवानिवृत्त शिक्षकों को घर बैठे शासन काम दे रहा है. इस कारण शासन का यह निर्णय डीएड, बीएड हुए उम्मीदवारों पर एक तरह से यह अन्याय है.
अमरावती जिला परिषद की 1500 प्राथमिक व माध्यमिक शाला है. जिले में 20 से कम पटसंख्या वाली 350 शाला है. इन शालाओं का समायोजन करने की प्रक्रिया शिक्षा विभाग की तरफ से शुरु है. जिले की 1500 से अधिक शालाओं में हजारों विद्यार्थी शिक्षा ले रहे है. इन शालाओं में 5 हजार से अधिक शिक्षक है. पटसंख्या के प्रमाण में शिक्षकों की संख्या कम है. पटसंख्या को देखते हुए जिले में अभी भी 200 शिक्षकों की आवश्यकता है. एक तरफ इन शालाओं में शिक्षकों के पद रिक्त है. बेरोजगार युवा शिक्षक नौकरी के लिए भटक रहे है. ऐसे में शासन सेवानिवृत्त शिक्षकों को काम देकर इन युवा शिक्षकों को बेरोजगार रख रहे है. इस कारण डीएड हुए युवाओं ने इस निर्णय का विरोध किया है.
इन शालाओं में सेवानिवृत्त शिक्षक देंगे पाठ
20 से कम पटसंख्या वाली जिले में 350 शाला है. इसमें के कुल शाला यह बहूल और गैर आदिवासी क्षेत्र में आती है. इन शालाओं को बंद न करते हुए वहां सेवानिवृत्त शिक्षक कार्यरत कर विद्यार्थियों को शिक्षा देने वाले है.
शासन का निर्णय अन्यायकारक
3 साल से डीएड की शिक्षा पूर्ण की है. शाासकीय शाला में शिक्षक के रुप में नौकरी कर अच्छे विद्यार्थी तैयार करने का मानस था, लेकिन शिक्षक भर्ती अभी तक न

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