अमरावती/प्रतिनिधि दि.२७ – राज्य सरकार द्बारा दसवीं की परीक्षा रद्द करने का निर्णय लिया गया है. राज्य की परिस्थिती को देखते हुए राज्य सरकार के निर्णय के संदर्भ में सभी विद्यार्थी और पालकों ने सकारात्मकता दर्शायी है. ऐसी स्थिती राज्य में पहली बार आयी है. जिसमें सरकार के निर्णय के प्रति आभार मानना चाहिए किंतु निर्णय लेते समय अनेक विषयोें पर भी सरकार द्बारा विचार किया जाना चाहिए. विद्यार्थी पालकों में अब भी संभ्रमण निर्माण हुआ है. निर्णय योग्य भी हुआ तो कोरोना प्रादुर्भाव की वजह से बडा आर्थिक संकट सामने आया है.
सामान्य नागरिक, किसान, मजदूर ऐसे पालक अपने बच्चों को शासकीय शालाओं में शिक्षा हेतु भिजवाते है. जिसमें अभी परीक्षा रद्द करने का निर्णय लिया गया है सभी विद्यार्थियों ने दसवीं की परीक्षा के लिए जो परीक्षा शुल्क दिया था वह शुल्क वापिस दिया जाए ऐसी मांग प्रहार संगठना द्बारा की गई है. प्रहार विद्यार्थी संगठना जिला प्रमुख आकाश खरोडे ने इस आशय का निवेदन शिक्षा विभाग को दिया है. निवेदन में कहा गया है कि कोरोना की पार्श्वभूमि पर लगाए गए लॉकडाउन की वजह से पालक आर्थिक संकट से गुजर रहे है जिसमें दसवीं की परीक्षा रद्द किए जाने पर परीक्षा शुल्क वापिस किया जाए ऐसी मांग निवेदन द्बारा की गई है इस समय निखिल ठाकरे, ऋत्विक काकड, अंकुश कलसकर, सर्वेश पिंपराले आदि उपस्थित थे.