अमरावतीमहाराष्ट्र

बंद शक्कर कारखाने की जमीने किसानों को करें वापस

पत्रवार्ता में किसान राजा मेटे ने उठाई आवाज

अमरावती/दि.08– शेतकरी शक्कर कारखाना मार्या. देवगांव ता.धामनगांव रेल्वे अमरावती यह कारखाना विगत कई वर्षो से बंद पडा है. कारखाना शुरु करते समय किसानों की जमीन इस शर्त पर ली गई थी, कि अगर कारखाना बंद पड जाता है तो किसानों को उनकी जमीन वापस कर दी जाएगी. मगर मिल बंद होने के बावजूद भी किसानों को उनकी जमीन वापस नहीं की जा रही है. करोडों रुपयों की नाममात्र जमीन को वापस करने की मांग किसान राजाभाऊ मेटे ने की है.

स्थानीय श्रमिक पत्रकार भवन में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान मेटे ने बताया कि जिले में धामनगांव तहसील के देवगांव में शेतकरी साखर कारखाना मर्या. कारखाना के लिए नागापूर व महमदपुर गांव के किसानों से उनकी जमीन कवडी मोल दामों में ली गई थी. कारखाना शुरु होने के बाद गांव के हर घर से एक सदस्य को काम पर भी लिया गया था. मगर कम समय में ही कारखाना डुब कर बंद हो गया. उसी तरह किसानों की जमीन लेते समय लिखित में यह कहा गया था कि अगर कारखाना बंद पडता है, तो किसानों को लिए हुए दरों से जमीन वापस कर दी जाएगी. मगर किसानों को जमीन तो मिली नहीं बल्कि कारखाने के बाकि कर्ज चुकाने के लिए 2026 से 2023 तक किसानों की जमीन को निलामी के लिए तीन बार निविदा निकाली गई.

किसानों की जमीन के लिए वर्तमान सरकार भी कोई दखल नहीं ले रही है. जिसके चलते सरकार की किसानों के प्रति भूमिका साफ नजर आ रही है. इस जमीन की किमत सिर्फ 2 करोड दो लाख सत्तावीस हजार दो सौ रुपये नाम मात्र है, उद्योगपतियों के करोडों रुपये माफ करने वाली सरकार किसानों की जमीन बचाने के लिए सिर्फ दो करोड रुपये माफ नहीं कर सकती. ऐसा आरोप भी पत्रवार्ता के दौरान लगाया गया. इस समय किसानों ने सरकार की ओर इशारा करते हुए कहा कि अगर 27 दिसंबर 2023 की महाराष्ट्र स्टेट को.ऑप. बैंक, मुंबई की निलामी निविदा रद्द कर किसानों को जमीन वापस नही दी गई तो सभी 25 किसान अपने अपने खेतो में जाकर परिवार समेत आत्महत्या करेगें. ऐसी चेतावनी भी पत्रवार्ता में दी गई. इस समय राजाभाऊ मेटे, किरण सौंदरकर, आशिष चितुरकर, आनंदा नेहारे, अमित शेलके, वैभव सोलंके, चंदु ठाकरे, राहुल मोहोड आदि उपस्थित थे.

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