अमरावती

‘लौटकर वापस गुरुमां अमरावती आना’..शब्दसुमनों से दी मंगलमय विदाई

जैन सकल श्रीसंघ की उपस्थिति

अमरावती / दि. २६– सकलश्री संघ बहुत ही सादगी और सुंदर तरीके से पूज्य गुरुमां को भावभीनी मंगलमय विदाई दी. विदाई दौरान ‘जाते-जाते सुनते जाना, लौटकर वापस गुरुमां अमरावती आना’… इन शब्दसुमनों से अपने भाव अभिव्यक्त किए. आचार्य सम्राट १००८ प.पू. श्री आनंदऋषि मसा. की सुशिष्या तत्वचिंतिका गुरुमां साध्वी प.पू.अमितज्योति मसा. ठाणा ३ अंबापेठ अमरावती का मंगलमय चातुर्मास पूर्ण कर अमरावती के उपनगरों में भ्रमण हुआ. इस दौरान शुक्रवार को प्रात: स्वाध्याय भवन, पन्नालाल नगर से विहार कर बडनेरा रोड स्थित श्रीसंघ की विनती को ध्यान में रखते हुए पूज्यश्रीजी ने प्रवचन में फरमाया कि, जिंदगी की वेलिडिटी कम रही तो चलेगा, लेकिन उसमें इंसानियत का बैलेंस बहुत होना चाहिए और हम सबके मोबाइल नंबर तो हमें याद है, लेकिन परमात्मा का मोबाइल नंबर है जीरो की डिजिट का यानी अपने इगो को डिलीट कर अहम से अर्हम की ओर जाने का प्रयास करना चाहिए. इस अवसर पर श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन संघ के अध्यक्ष अमृतभाई मुथा, मूर्तिपूजक संघ से राजेश बुच्चा, सुशील बोकड़िया, संजय मुनोत और सुशील महिला मंडल ने अपने भावों को अभिव्यक्त किया. बतादें कि, संत रविवार २७ नवंबर की सुबह बडनेरा स्थानक में पहुंचने के भाव है.

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