अमरावती

होली मनाने आदिवासी मजदूर धारणी लौटे

होली के सबसे बडे बाजार में जमकर उमडी भिड

* आदिवासी गादली सुसुन नृत्य के साथ मनाया होली का त्यौहार
धारणी/ दि.19 – तहसील के आदिवासी मजदूर बाहरगांव मजदूरी और रोजगार के तलाश में जाते है, मगर होली का त्योैहार आदिवासी बांधवों का सबसे महत्वपूर्ण त्यौहार माना जाता है. इस त्योेैहार के लिए बाहरगांव गए आदिवासी मजदूर अपने-अपने गांव लौटे. यहां होली का सबसे बडा बाजार लगता है. इस बाजार में खरीदी के लिए लोगों की काफी भिड उमडी थी. आदिवासी बांधवों ने पूजा अर्चना के साथ ही गादली सुसुन नामक आदिवासी नृत्य के साथ होली का त्यौहार मनाया.
होली त्यौहार के लिए धारणी तहसील के विभिन्न गांवों के आदिवासी मजदूर दूर-दूर से अपने गांव वापस लौटे. आदिवासियों मेें होली पर नए कपडे पहनने का रिवाज है. धारणी क्षेत्र में अलग-अलग गांव, कस्बे में निर्धारित वक्त के अनुसार होली मनाई जाती है. 17 मार्च होली के दिन से पंचमी तक विभिन्न गांवों में होली मनाने का रिवाज है. एक गांव में एक निर्धारित दिन पर होली मनाई जाती है. धारणी में होली का सबसे बडा बाजार भरता है. होली के लिए आदिवासी बांधव अपने परिवार के सभी सदस्यों के लिए नए कपडे खरीदते है. इसके साथ ही गाठी, रंग, गुलाल खरीदी के लिए इस होली के बाजार में लोगों की काफी भीड दिखाई दी. अपने-अपने गांव में निर्धारित वक्त के अनुसार परिवार के साथ होली पूजन कर पूरे गांववासियों ने एकत्रित होकर गाजली सुसुन नृत्य के साथ होली का त्यौहार मनाया. होली दहन के पश्चात सभी ने एक दूसरे को रंग लगाकर होली की शुभकामनाएं दी.

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