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राजस्व विभाग ने गायब की पांच एकड जमीन

27 में से केवल 22 एकड जमीन का ही पंजीयन

* शेष पांच एकड का 7/12 भी नहीं
* मीना भास्कर कालबांडे ने लगाया पत्रवार्ता में आरोप
अमरावती/दि.4– मौजे कठोरा में शेत सर्वे नंबर 110/2 में मनोहरराव कुरकाजी कालबांडे के नाम पर रहनेवाली 27 एकड 34 गुंठे जमीन में से केवल 24 एकड 34 गुंठे जमीन का ही बटवारा उनकी मां व बच्चों के नाम किया गया है. वहीं शेष पौने तीन एकड जमीन क रिकॉर्ड राजस्व विभाग के पास नहीं है. साथ ही जिस जमीन का खरीदी पत्र या बक्षीस पत्र ही नहीं हुआ, ऐसी कुल पांच एकड जमीन राजस्व विभाग के रिकॉर्ड से गायब है. इस बारे में तहसीलदार के पास आवेदन करने पर उन्होंने यह जमीन सरस्वताबाई कालबांडे के नाम पर दर्ज की है. जिसमें शेष वारिसदारों या अन्य किसी का कोई उल्लेख नहीं है. इस मामले में जमीन की नापजोख करने की मांग करने पर उन्होंने इसे खारिज कर दिया. ऐसे में भूमि अभिलेख विभाग के पास दर्ज पंजीयन के मुताबिक पूरी 11 हेक्टर 14 आर जमीन की खरीदी और इसे लेकर हुए अन्य व्यवहारों की जांच करते हुए वारिसदारों को न्याय देने की मांग मीना भास्कर कालबांडे ने यहां बुलाई गई पत्रवार्ता में की है.
स्थानीय मराठी पत्रकार भवन में बुलाई गई पत्रकार परिषद में मीना कालबांडे ने अपने पास उपलब्ध जमीन के भी दस्तावेजों सहित जानकारी देते हुए बताया कि,मनोहरराव कालबांडे ने 4 अप्रैल 1959 को अपनी जमीन बक्षीस पत्र के जरिये अपनी मां सरस्वताबाई, पत्नी कमलाबाई तथा दो पुत्र त्र्यंबक व साहेबराव के नाम की थी. मनोहरराव के नाम पर रहनेवाली 27 एकड 21 गुंठे जमीन में से केवल 24 एकड 34 गुठे जमीन का ही वितरण किया गया था. ऐसे में शेष पौने तीन एकड जमीन का अस्तित्व में रहना जरूरी था. किंतु कालांतर में यह जमीन राजस्व विभाग के रिकॉर्ड से गायब हो गई है और फिलहाल यह जमीन किसी के भी नाम पर नहीं है. वहीं सरस्वताबाई ने दो एकड जमीन के साहूकारी व्यवहार पर कुछ जमीन दी थी. लेकिन इसकी भी जानकारी राजस्व विभाग के पास नहीं है. यानी कुल मिलाकर राजस्व विभाग ने पांच एकड जमीन को गायब कर दिया है. ऐसे में पूरे मामले की जांच होनी चाहिए.

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