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विधायक वानखडे के खिलाफ लामबंद हुए राजस्व कर्मचारी

अमरावती तहसील के राजस्व कर्मचारियों ने शुरु किया कामबंद आंदोलन

* सोमवार तक हडताल पर रहेंगे राजस्व अधिकारी पटवारी व कोतवाल
* विधायक वानखडे पर लगाया असंसदीय भाषा के प्रयोग का आरोप
अमरावती/दि.11– विगत गुरुवार को अमरावती तहसील कार्यालय में आयोजित समीक्षा बैठक के दौरान तिवसा निर्वाचन क्षेत्र के विधायक राजेश वानखडे द्वारा राजस्व अधिकारियों व कर्मचारियों के लिए असंसदीय व असंवैधानिक भाषा का प्रयोग किया गया. इस आशय का आरोप लगाते हुए अमरावती तहसील के राजस्व अधिकारियों, कर्मचारियों, मंडल अधिकारियों, पटवारियों व कोतवालों ने 10 से 13 जनवरी तक कामबंद आंदोलन करते हुए हडताल शुरु करने की घोषणा की है. वहीं दूसरी इस संदर्भ में विधायक राजेश वानखडे का कहना रहा कि, उन्होंने उक्त बैठक के दौरान राजस्व अधिकारियों व कर्मचारियों के लिए किसी भी तरह से आपत्तिजनक शब्द या असंसदीय भाषा का कोई प्रयोग नहीं किया. बल्कि बैठक की पूर्व सूचना रहने के बावजूद संबंधित अधिकारियों के अनुपस्थित रहने के चलते अपनी-अपनी शिकायतें व समस्या लेकर आये नागरिक ही काफी अधिक संतप्त हो गये थे और नागरिकों ने बैठक में उपस्थित अधिकारियों को फटकार लगाई थी, जो बेहद स्वाभाविक भी था.
इस संदर्भ में मिली जानकारी के मुताबिक विगत गुरुवार को अमरावती तहसील कार्यालय में भाजपा विधायक राजेश वानखडे की अध्यक्षता के तहत एक समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया था. जिसमें अमरावती तहसील के विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों से वास्ता रखने वाले करीब 300 नागरिक भी अपनी समस्याएं व शिकायतें लेकर उपस्थित हुए थे. इस बैठक के दौरान कुछ अधिकारियों के गैर हाजिर रहने के चलते विधायक राजेश वानखडे काफी हद तक आक्रामक हो गये थे और उन्होंने बैठक में उपस्थित तहसीलदार सहित अन्य अधिकारियों को खडे बोल सुनाते थे. राजस्व अधिकारियों के मुताबिक इस दौरान विधायक वानखडे ने बेहद आक्रामक होकर राजस्व महकमे के अधिकारियों व कर्मचारियों के लिए असंवैधानिक भाषा का प्रयोग किया था. जिसका निषेध करने हेतु जिला राजस्व कर्मचारी संघ व राज्य कोतवाल संघ के नेतृत्व में विदर्भ पटवारी संघ ने 10 से 13 जनवरी तक हडताल पर रहते हुए कामबंद आंदोलन करने की घोषणा की. जिसके चलते अमरावती तहसील के पटवारी, कोतवाल, मंडल अधिकारी व राजस्व सहायकों सहित करीब 175 कर्मचारी शुक्रवार से हडताल पर चले गये है. साथ ही संगठन के गोपाल लांजेवार ने बताया कि, सोमवार को जिलास्तरीय पदाधिकारियों के साथ चर्चा उपरान्त अगले आंदोलन के संदर्भ में निर्णय लिया जाएगा.

* मैंने कुछ भी आपत्तिजनक नहीं कहा, काम नहीं करोंगे, तो लोगों की बातें सुननी पडेगी
वहीं इस पूरे मामले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए विधायक राजेश वानखडे ने कहा कि, गुरुवार को बुलाई गई बैठक पूर्व नियोजित थी. जिसमें अमरावती तहसील के संबंधित अधिकारियों को उपस्थित रहने की पूर्व सूचना पहले ही दे दी गई थी. लेकिन इसके बावजूद कुछ अधिकारी उस महत्वपूर्ण बैठक में गैर हाजिर थे. जिसे लेकर उन्होंने तहसीलदार से सवाल जवाब किया. साथ ही बैठक में अपनी समस्याएं व शिकायतें लेकर पहुंचे आम नागरिक अधिकारियों को अनुपस्थित देखकर संतप्त हो गये और उन्होंने बैठक में उपस्थित अधिकारियों को जमकर बाते सुनाई, जो बेहद स्वाभाविक सी बात थी. अगर अधिकारी व कर्मचारी आम नागरिकों के काम नहीं करेेंगे, तो नागरिकों का गुस्सा होना बेहद स्वाभाविक है और ऐसे समय नागरिकों द्वारा अधिकारियों व कर्मचारियों को निश्चित रुप से भला बूरा भी कहा जाएगा. जिसके चलते अधिकारियों व कर्मचारियों ने आम नागरिकों को होने वाली परेशानियों को समझना चाहिए. साथ ही यह भी ध्यान रखना चाहिए कि, यदि वे नागरिकों का काम नहीं करेंगे, तो उन्हें नागरिकों की भली बूरी बाते सुननी ही पडेगी. इसके साथ ही विधायक राजेश वानखडे ने स्पष्ट तौर पर कहा कि, उन्होंने राजस्व अधिकारियों व कर्मचारियोें के लिए उस बैठक के दौरान किसी भी तरह के आपत्तिजनक शब्द या असंवैधानिक भाषा का प्रयोग नहीं किया था.

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