नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति से शिक्षा क्षेत्र में क्रांति
कुलगुरू डॉ. दिलीप मालखेडे का प्रतिपादन
* श्री हनुमान व्यायाम प्रसारक मंडल में चर्चा सत्र
अमरावती/दि.7– शिक्षा से व्यक्ति शिक्षित व सुशिक्षित तथा सक्षम बनता है. यह विश्वास आज सर्व व्यापी है. जिसके कारण शिक्षा का क्षेत्र कल्पना से भी अधिक व्यापक हो रहा है. देश में हजारों विद्यापीठ तथा उनके अंतर्गत कार्यरत महाविद्यालय छात्रों के सक्षमीकरण के प्रयास कर रहे है, लेकिन यह सारे प्रयास सफल होते है क्या, इस सवाल की गंभीरता छात्रों ने देश की शिक्षा व्यवस्था तथा शासन के समक्ष उपस्थित की है. जिस परिश्रम से ध्येय फलीत होता है, वहीं व्यवस्था आज स्वीकारी जाती है. जिसके चलते आज देश के लाखों छात्र उच्च शिक्षा के लिए विदेश जाने को प्राधान्य दे रहे है. लेकिन यह बात देश की शिक्षा व्यवस्था तथा लाखों छात्रों के शैक्षणिक भविष्य के लिए घातक है. उस दिशा में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू करने पर जोर दिया, तो शिक्षा क्षेत्र के साथ ही सभी क्षेत्रों में सर्वांगीण क्रांति आयेगी, यह विश्वास संत गाडगेबाबा अमरावती विद्यापीठ के कुलगुरू डॉ. दिलीप मालखेडे ने व्यक्त किया.
34 वर्ष के बाद तथा 21 वें शतक में पहली बार शिक्षा सुधारणा 2020 में की गई. 29 जुलाई 2020 को वर्तमान शिक्षा पध्दति में कई बदलाव लाने के लिए केंद्र व राज्य सरकार ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति मंजुर की है. इस नीति को लेकर सर्वसामान्यों में जनजागृति हो तथा नई शिक्षा नीति का स्वरूप सभी छात्र व पालकों को पता चले. इसके लिए श्री हनुमान व्यायाम प्रसारक मंडल द्वारा संचालित डिग्री कॉलेज ऑफ फिजिकल एज्युकेशन व अभियांत्रिकी महाविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में स्व. सोमेश्वर पुसतकर सभागार में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 व चॉईसबेस क्रेडिट सिस्टम विषय पर एक दिवसीय चर्चासत्र का आयोजन किया गया. इस अवसर पर श्री हनुमान व्यायाम प्रसारक मंडल के प्रधान सचिव पद्मश्री प्रभाकरराव वैद्य बतौर कार्यक्रम अध्यक्ष उपस्थित थे. कुलगुरू डॉ. दिलीप मालखेडे के हस्ते चर्चासत्र का उद्घाटन किया गया. इस अवसर पर विद्यापीठ परीक्षा मंडल के नियंत्रक हेमंत देशमुख, मंडल के उपाध्यक्ष डॉ. श्रीकांत चेंडके, सचिव प्रा. डॉ. माधुरी चेंडके, प्रा. डॉ. अजयपाल उपाध्याय, प्राचार्य डॉ. अनंत मराठे, श्रीनिवास देशपांडे आदि मान्यवर प्रमुख रूप से उपस्थित थे.
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति मतलब क्या और उसका शिक्षक व छात्रों पर क्या असर होगा, इस विषय पर कुलगुरू डॉ. मालखेडे ने अभ्यासपूर्ण मार्गदर्शन किया. कार्यक्रम के अध्यक्ष पद्मश्री प्रभाकरराव वैद्य इन्होंने नई शिक्षा नीति तथा मंडल की उस दिशा में हुए प्रयासों की जानकारी पर विस्तार से प्रकाश डाला. एचवीपीएम के अभियांत्रिकी कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अनंत मराठे ने अपने प्रास्ताविक से नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति तथा चॉईस बेस क्रेडीट सिस्टम पर मार्गदर्शन किया है. चर्चासत्र के पहले सत्र का संचालन डॉ. विजय पांडे व आभार प्राचार्य डॉ. अजयपाल उपाध्याय ने माना. कार्यक्रम की सफलता के लिए अभियांत्रिकी कॉलेज के विभाग प्रमुख डॉ. विजय अग्रवाल, डॉ. अंजली राउत, डॉ. आर. आर. शेलके, डॉ. श्रीनिवास देशपांडे, प्रा. संजय तीरथकर, डॉ. लक्षमीकांत खंडागले, डॉ. विजय पांडे, प्रा. पुष्पक खोंडे ने महत प्रयास किये.