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संतों की निकली सवारी, धर्म की लीला दिखी न्यारी

शहर के इतिहास में पहली बार देशभर के संतों का समागम

* नेहरू मैदान से निकली संतों की भव्य-दिव्य शोभायात्रा
* चिंतामणी नगर में हुआ संत दर्शन समारोह
अमरावती/दि.7- अमरावती शहर के इतिहास में आज पहली बार धार्मिक रूप से भव्य-दिव्य माहौल बनता दिखाई दिया, जब नेहरू मैदान से 12 संत-महंतों की शानदार शोभायात्रा निकाली गई. जो गाजे-बाजे के साथ शहर के विभिन्न चौक-चौराहों से होकर गुजरते हुए भातकुली डीपी रोड पर व्यास ले-आउट के निकट स्थित चिंतामणी नगर पहुंची. बता दें कि, कौंडण्यपुर स्थित श्री रूक्मिणी विदर्भ पीठ के पीठाधिश्वर अनंत श्री विभूषित जगतगुरू रामानंदाचार्य स्वामी श्री राजराजेश्वराचार्य जी महाराज (समर्थ माउली सरकार) की प्रेरणा से स्थानीय भातकुली डीपी रोड स्थित व्यास ले-आउट के निकट श्री चिंतामणी नगर में बनने जा रहे श्री चिंतामणी विनायक गणेश मंदिर के प्रस्तावित निर्माण स्थल पर विगत 31 अगस्त से दस दिवसीय श्री चिंतामणी विनायक गणेश महायज्ञ का आयोजन चल रहा है. जिसके तहत आज बुधवार 7 सितंबर को भव्य-दिव्य संत सम्मेलन का आयोजन किया गया है, जिसमें देश के अलग-अलग हिस्सों से ज्ञानी व तपस्वी संत-महात्मा उपस्थित हुए है. जिन्हें भव्य-दिव्य शोभायात्रा के जरिये नेहरू मैदान से आयोजन स्थल तक लाया गया. जहां एक ही मंच पर सभी संतों को विराजीत करते हुए उनके दर्शन समारोह का आयोजन किया गया. इस भव्य-दिव्य शोभायात्रा और दर्शन समारोह के जरिये अमरावती शहर व जिले सहित दूर-दराज के क्षेत्रों से आये श्रध्दालुओं ने सभी संत-महात्माओं के दर्शनों का लाभ लिया.
इस आयोजन के तहत आज सुबह 9.30 बजे नेहरू मैदान पर आयोजन समिती के पदाधिकारियों व सदस्यों द्वारा देश के विभिन्न हिस्सोें से आये संत-महात्माओं को सम्मानपूर्वक लाया गया. जहां से डीजे, बैन्जो, ढोलपथक, आदिवासी नृत्य पथक, वारकरी पथक, भजन मंडल, झांज पथक व महिला भजन मंडल सहित घुडसवारोें के साथ सजी शोभायात्रा के जरिये सभी संत-महात्माओें को सुसज्जित रथों व बग्घियों में विराजीत करते हुए नेहरू मैदान से चिंतामणी नगर तक लाया गया. इस शोभायात्रा में कुल 12 सुसज्जित रथ व बग्घी शामिल थे. जिसमें सबसे आगे चल रहे रथ पर कौडण्यपुर स्थित श्री रूख्मिणी विदर्भ पीठ के पीठाधिश्वर अनंत श्री विभूषित जगतगुरू रामानंदाचार्य श्री रामराजेश्वराचार्य जी महाराज (माउली सरकार) विराजीत थे. इसके साथ ही पीछे चल रहे अलग-अलग रथों व बग्घियों में तपोवन (मलाड, मुंबई) के श्री टिलाद्वारा गाद्याचार्य मंगल पीठाधिश्वर यज्ञ सम्राट श्री श्री 1008, श्री माधवाचार्यजी महाराज, अखिल भारतीय संत समिती के प्रमुख निर्देशक श्री श्री 1008 निर्मल पीठाधिश्वर श्री महंत ज्ञानदेव सिंहजी महाराज (निर्मल अखाडा, हरिद्वार), अखाडा परिषद के अध्यक्ष श्री महेंद्र रविंद्र पुरी जी महाराज (हरिद्वार), अ. भा. संत समिती के केंद्रीय मंत्री महामंडलेश्वर ईश्वरदासजी महाराज (ऋषिकेश, हरिद्वार), पाटोदी (हरवाना, गुरूग्राम) के महामंडलेश्वर आचार्य श्री धर्मदेवजी महाराज, अ. भा. संत समिती के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष महामंडलेश्वर श्री जनार्दन हरी जी महाराज (फैजपुर, महाराष्ट्र), अखाडा परिषद के उपाध्यक्ष श्री महंत रामकिशोरदास जी महाराज (दिगंबर अखाडा, नासिक), अखाडा परिषद के महामंत्री श्री महंत राजेंद्रदास जी महाराज (अहमदाबाद), अ. भा. संत समिती के महामंत्री श्री महंत गौरीशंकरदास जी महाराज (हनुमानगढी, अयोध्या), अ. भा. संत समिती के संयुक्त राष्ट्रीय महामंत्री महामंडलेश्वर श्री राधे-राधे बाबा (इंदौर, मध्य प्रदेश), नरसिंह मंदिर (गीताधाम) के श्री महंत डॉ. नरसिंहदासजी महाराज (जबलपुर), अ. भा. संत समिती के राष्ट्रीय सह प्रवक्ता श्री. महंत बालकदास जी महाराज (वाराणसी), अ. भा. संत समिती के महामंत्री श्री महंत हनुमानदास जी महाराज (मध्य प्रदेश), अ. भा. संत समिती के महामंत्री श्री महंत अरूणदास जी महाराज (जगन्नाथ धाम, उत्तराखंड), श्रीनाथ पीठाधिश्वर आचार्य स्वामी श्री जीतेंद्रनाथ महाराज (श्री देवनाथ मठ, श्री क्षेत्र सुर्जी-अंजनगांव) तथा अ. भा. संत समिती के प्रवक्ता व कार्यालय प्रभारी श्री महंत स्वामी अनिल आनंद जी महाराज (भोपाल) को ससम्मान विराजीत किया गया था.
इस अवसर पर श्री चिंतामणी विनायक गणेश महायज्ञ आयोजन समिती के संरक्षक जगदीश गुप्ता, मुख्य यजमान किशोर गोयनका व कार्याध्यक्ष विजय झटाले सहित प्रवीण सिकची, विजय खंडेलवाल (भाईजी), नितीन चांडक, पूर्व महापौर विलास इंगोले, कांग्रेस के शहराध्यक्ष बबलू शेखावत, कांग्रेस पदाधिकारी सुरेश रतावा एवं राजा बागडे, आनंद पारा, नितीन कदम, निखिल देशमुख, अप्पासाहेब देशमुख, मुकेश पवार, संतोष जवारकर, संतोष परांजपे, समीर पाटील, सिद्धनाथ कश्यप, उमेश जव्हेरी, पायल बारब्दे, अरुण बारब्दे, विजय हाते, भूषण देशमुख, पिंटू अवघड़, शुभांगी हाते, सुरशराव देशमुख, अनूप सिकची के साथ ही शहर के अनेकोें धर्मशील नागरिक एवं धार्मिक संगठनोें के पदाधिकारी उपस्थित थे.

* शोभायात्रा का जगह-जगह हुआ भावपूर्ण स्वागत
यह शोभायात्रा नेहरू मैदान से निकलकर राजकमल चौक, गांधी चौक, भुतेश्वर चौक, रविनगर चौक, संकटमोचन हनुमान मंदिर, ड्रीम्जपार्क व व्यास ले-आउट परिसर होते हुए चिंतामणी नगर स्थित श्री चिंतामणी विनायक गणेश मंदिर के प्रस्तावित निर्माण स्थल पर पहुंची. इस दौरान इस शोभायात्रा का सभी चौक-चौराहों पर धर्मशील नागरिकों द्वारा बडे हर्षोल्लास के साथ स्वागत किया गया. जिसके तहत राजकमल चौराहे पर पहुंचते ही वहां पर स्थित उडानपुल से सभी संत-महात्माओं पर पुष्पवर्षा की गई.

* संत दर्शन के लिए उमडी भीड
यह शोभायात्रा नगर भ्रमण करते हुए अपरान्ह करीब 1 बजे चिंतामणी नगर परिसर पहुंची. जहां पर सभी संत-महात्माओं को आयोजन स्थल पर बनाये गये विशालकाय व्यासपीठ पर विराजीत किया गया. जहां पर उनके दर्शनोें हेतु शहर के धर्मशील नागरिकों की अच्छी-खासी भीड उमडी. साथ ही इस समय सभी संत-महात्माओं की देखरेख में श्री चिंतामणी विनायक गणेश महायज्ञ की धार्मिक विधियां भी संपन्न करायी गई.

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