अमरावती

विकलांग कृत्रिम अवयव शिविर के नाम पर मनपा में हेराफेरी

पूर्व महापौर चेतन गावंडे ने लगाया स्पष्ट आरोप

* उपायुक्त श्रेणी के अधिकारी से जांच कराने की मांग
अमरावती/ दि.16– महापालिका के शिक्षा विभाग व्दारा विकलांग विद्यार्थियों के लिए कृत्रिम अवयव शिविर का आयोजन किया. इस शिविर के नाम पर बडे पैमाने में रुपयों की हेराफेरी की गई है, ऐसा स्पष्ट आरोप पूर्व महापौर चेतन गावंडे ने निगमायुक्त डॉ.आष्टीकर को सौंपे ज्ञापन में लगाया है. साथ ही इस मामले की उपायुक्त श्रेणी के अधिकारी व्दारा जांच कराने की मांग की है.
पूर्व महापौर चेतन गावंडे के अनुसार महाराष्ट्र राज्य प्राथमिक शिक्षक परिषद की ओर से समग्र शिक्षा योजना व्दारा अल्मिको अंतर्गत विकलांग विद्यार्थियों की जांच कर कृत्रिम अवयव का प्रत्यारोपण किया जाता है. विकलांग विद्यार्थियों को कृत्रिम अवयव प्रत्यारोपित करने के लिए दो जांच शिविर आयोजित करना पडता है. प्रति शिविर के लिए 15 हजार रुपए की निधि प्राप्त होती है. अमरावती महापालिका शिक्षा विभाग व्दारा कोरोना काल में संचारबंदी रहने के बाद भी शिविर आयोजित किये गए. मनपा के पास केवल 15 से 20 विकलांग विद्यार्थियों ने पंजीयन कराया है. इसके अनुसार आयोजित शिविर में 3 से 4 विकलांग विद्यार्थी ही शामिल हुए और उन विकलांगों पर मनपा में 98 हजार खर्च कैसे किया. गावंडे ने यह भी बताया कि, जिला परिषद की ओर से 14 शिविर लिये गए. इतने शिविर लेने के बाद भी उनका खर्च 1 लाख 50 हजार रुपए हुआ और मनपा ने केवल 3 या 4 विकलांगों की जांच के लिए 98 हजार रुपए कैसे खर्च किये, ऐसा स्पष्ट आरोप लगाते हुए इस मामले की जांच कराने की मांग पूर्व महापौर चेतन गावंडे ने की है.

दोषियों से ही कराई जा रही जांच
विकलांग विद्यार्थियों को कृत्रिम अवयव लगाने के लिए जांच शिविर के नाम पर मनपा के शिक्षा विभाग व्दारा बडी आर्थिक हेराफेरी की गई है. ज्ञापन के माध्यम से निगमायुक्त डॉ.प्रवीण आष्टीकर से अवगत कराया है. उपायुक्त श्रेणी के अधिकारी के माध्यम से इस मामले की जांच होना चाहिए था. मगर जो इस शिविर की हेराफेरी में शामिल दोषी है, उन्हीं लोगों से मामले की जांच कराई जा रही है. वे कभी भी कही से पुराने शिविर के फोटो व अन्य सबूत पेश कर इस हेराफेरी के मामले पर लिपापोती कर सकते है.
– चेतन गावंडे,
पूर्व महापौर, अमरावती मपना

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