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अस्तित्व में न रहने वाले मोक्षधाम व मुक्तिधाम के नाम पर हेराफेरी

48 लाख रुपए की धोखाधडी

* समीर जवंजाल ने राजापेठ व गाडगे नगर पुलिस थाने में दी शिकायत
* पत्रकार परिषद में सूचना के अधिकार की जानकारी का खुलासा
अमरावती/ दि.27- कांग्रेस के समीर जवंजाल ने सूचना के अधिकार के तहत जानकारी हासिल कर सनसनीखेज मामला उजागर किया है. आज पत्रकार परिषद में जानकारी देते हुए बताया कि, अमरावती महापालिका मोक्षधाम व अमरावती महापालिका मुक्तिधाम यह स्मशान भूमि ही अस्तित्व में नहीं है. इसके बाद भी जो स्मशान भूमि अस्तित्व में नहीं है, उसके नाम पर 47 लाख 98 हजार 400 रुपए की धोखाधडी की है. इस बारे में जवंजाल ने पुलिस आयुक्त राजापेठ पुलिस थाना और गाडगे नगर पुलिस थाने में संबंधित अधिकारियों के खिलाफ शिकायत दी है.
पत्रकार परिषद में प्रदेश युवा कांग्रेस के सचिव तथा शिकायतकर्ता समीर जवंजाल, सचिव योगेश बुंदिले, सचिव किरण महल्ले, उपाध्यक्ष अक्षय साबले, उपाध्यक्ष अनिकेत ढेंगले, युवा कांग्रेस के चैतन्य गायकवाड, बडनेरा विधासभा युवक कांग्रेस अध्यक्ष शक्ति राठोड, युवा कांग्रेस के अनिकेत जावरकर उपस्थित थे. जवंजाल ने पत्रकार परिषद को संबोधित करते हुए बताया कि, कोरोना काल में संपूर्ण देश बंद था. इसी तरह जनता परेशान थी. आय के साधन पूरी तरह से बंद थे. जीवन जीना कठिन हो गया था. परंतु कुछ अधिकारी उस समय भी भ्रष्टाचार करने में व्यस्त थे. प्रधानमंत्री क्षेत्र कल्याण योजना अंतर्गत नाले की सुरक्षा दीवार के काम के बारे में जिलाधिकारी कार्यालय की सहमति से 9 मार्च 2021 को प्रशासकीय मान्यता देकर सार्वजनिक निर्माण कार्य विभाग व्दारा 25 मई 2021 को निविदा निकालकर मंजूर सहकारी संस्था को काम वितरित किये गए. कुछ दिन बाद किये गए काम के बिल भी अदा कर दिये.
ऐसा आरोप लगाते हुए उन्होंने स्पष्ट किया कि, सरकार को गुमराह कर विकास काम के दो टूकडे कर अलग-अलग अंदाजपत्रक बनाए गए. हकीकत में जहां काम किये गए, ऐसे अमरावती महापालिका मोक्षधाम व अमरावती महापालिका मुक्तिधाम यह स्मशानभूमि अस्तित्व में ही नहीं है, ऐसी जानकारी समीर जवंजाल को सार्वजनिक न्याय पंजीयन कार्यालय से शासकीय जनसूचना अधिकारी ने 7 मार्च 2022 के पत्रानुसार दी. इसी तरह महापालिका जोन क्रमांक 2 की ओर से 8 अप्रैल 2022 को यह संस्था महापालिका की नहीं, इस बारे में सूचना अधिकार के तहत जानकारी प्राप्त हुई. इस वजह से वह स्मशानभूमि अस्तित्व में नहीं होगी तो शासन के रुपयों का हुआ क्या? इसके कारण इस बात की शिकायत संबंधित विभाग, संबंधित मंत्री, विरोधी पक्षनेता, लोकायुक्त को दी है. इस मामले में आर्थिक फौजदारी का अपराध दर्ज करने के लिए गाडगे नगर पुलिस थाने व राजापेठ पुलिस थाने में शिकायत देने की बात भी उन्होंने इस पत्रकार परिषद में बताई.

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