विद्यापीठ में कुलगुरू व प्र-कुलगुरू नियुक्ति का अधिकार शासन को
विद्यापीठ कानून में नई बदली का फटका
अमरावती/दि.8 – महाराष्ट्र विद्यापीठ कानून 2016 को विधानसभा व विधान परिषद इन दोनों सभागृहों ने मान्यता दिए जाने से कुलगुरू व प्र-कुलगुरू की नियुक्ति का अधिकार शासन को प्राप्त हुआ है. कुलगुरू की नियुक्ति करते समय चयन समिति 5 नाम की शिफारिस राज्य से करेगी और उनमें से दो नाम शासन अंतिम नियुक्ति के लिए राज्यपाल को भेजेगे, ऐसा कानून में प्रावधान है. नये विद्यापीठ कानून में प्रावधाननुसार कुलपति ने 30 दिनों में दो में से एक के नाम घोषित करना अनिवार्य है. राज्य शासन का एक भी नाम उचित न लगने से कुलगुरू पद के लिए पांचों नाम समिति के पास वापस भेज सकेंगे, ऐसा प्रावधान है. समिति उचित नही लगने पर समिति बदल सकते है. इसी तर्ज पर प्र-कुलगुरू पद के लिए तीन नाम शॉर्टलिस्ट कर शासन कुलपति के पास भेजने से मनमानी अपात्र व्यक्ति को नियुक्त करने का अधिकार खत्म हो गया है. नये कानून के प्रावधाननुसार राज्य शासन को विश्वास में लेकर ही कार्य करे, ऐसी सूचना राज्य सरकार की ओर से जल्द ही निर्गमित होने की विश्वसनीय जानकारी है. जिसके कारण मैं फिर से आउंगा. कहकर सपने देखनेवाले को विद्यापीठ कानून में नई बदली का फटका बैठेगा.
नये कानून के प्रावधान संबंध में शासन की ओर से कोई भी पत्र प्राप्त नहीं हुआ. ,ऐसा कुछ होने पर अमल किया जायेगा.
मुरलीधर वाडेकडर,
सह संचालक, उच्च व तकनीकी शिक्षा