अमरावती

विनयभंग करने वाले को सश्रम कारावास

अमरावती/दि. ५- घर में घूसकर महिला का विनयभंग करने के मामले में प्रथमश्रेणी न्याय दंडाधिकारी क्र.१ के न्यायाधीश संजीव सरदार के न्यायालय ने युवक को एक वर्ष्ज्ञ सश्रम कारावास व ८०० जुर्माने की सजा सुनाई है. प्रशांत प्रल्हादराव टिप्रमवार (२५, वडाली बस स्टॉप) ऐसा न्यायालय ने सजा सुनाने वाले व्यक्ति का नाम है. इस संबंध में न्यायालय में दाखिल दोषारोप पत्र के अनुसार पति-पत्नी व सास अपने घर में भोजन करने के बाद सोए थे. दौरान रात के समय प्रशांत टिप्रमवार ने दरवाजा खोलकर घर के भीतर प्रवेश किया. और विवाहिता का विनयभंग किया. महिला नींद से जागने पर उसे यह बात निदर्शन में आते ही उसने अपने पति को जगाया. जिसके बाद प्रशांत ने भागने का प्रयास किया. लेकिन महिला के पति ने प्रशांत को पकडा और इसकी जानकारी फ्रेजरपुरा पुलिस को दी. पुलिस को दी शिकायत के आधार पर २८ फरवरी २०१३ को पुलिए ने ३५४, ४४८ के तहत मामला दर्ज किया. इस प्रकरण में दोषारोप पत्र जांच अधिकारी उदयशंकर तिवारी ने यहां के प्रथम श्रेणी न्याय दंडाधिकारी न्यायाधीश संजीव सरदार के न्यायालय में सुनवाई के लिए दाखिल किा. न्यायालय ने पक्ष की दलीलें सुनने के बाद प्रशांत टिप्रमवार को धारा ३५४ के तहत १ वर्ष सश्रम कारावास, ५०० रुपए जुर्माना लगाया है.सरकारी पक्ष की ओरसे एड.शिंदे ने युक्तिवाद किया तथा उपनिरीक्षक राजू नैताम, सतिश सावरकर ने पैरवी अधिकारी के रूप में कामकाज देखा.

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