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पुनर्वसन की मांग को लेकर अटका पडा है रिंगरोड का काम

मनपा भूखंड देने की तैयारी में, लेकिन नागरिक चाहते है घरकुल के साथ पुनर्वसित हा

* बडनेरा जुनीबस्ती चमननगर तक वर्षों पूर्व हो गया है इस मार्ग का काम
* पूर्व मनपा आयुक्त के तबादले के कारण ठंडे बस्ते में पडा काम
अमरावती/दि.19 – करीबन 17 वर्ष पूर्व नागपुर रोड स्थित टोल नाके के पास से बडनेरा शहर के जुनीबस्ती चमननगर तक रिंगरोड का निर्माण किया गया. लेकिन बडनेरा के 2 ले-आउट का संबंधितों को मुआवजा न मिलने से यह काम रुक गया. साथ ही नझुल की जगह पर पिछले 50 से अधिक वर्षों से रहने वाले नागरिकों ने अपने पुनर्वसन की मांग की. चमननगर से सटकर ही मनपा की 4 एकड जमीन पर इन नागरिकों को जगह देना भी तय हुआ. लेकिन क्षेत्र के नागरिक भूखंड के साथ घरकुल की भी मांग पर अडे रहे. ऐसे में पूर्व मनपा आयुक्त का तबादला हो जाने से यह काम अधर में अटका हुआ है.
जानकारी के मुताबिक एकात्मिक सडक विकास योजना के तहत रहाटगांव से कुछ दूरी पर और टोल नाका के पहले जड वाहनों की आवाजाही के साथ ही अमरावती-बडनेरा के नागरिकों को पर्यायी मार्ग रहे. इसके लिए रिंगरोड का निर्माण किया गया. इस रिंगरोड का निर्माण करीबन 17 वर्ष पूर्व वर्ष 2005 में हुआ. लेकिन बडनेरा शहर के जुनीबस्ती, चमननगर परिसर के पास आकर रुक गया. बताया जाता है कि, चमननगर के नाले तक काम पूर्ण होने के बाद वहां सर्वे नं. 281 और सर्वे नं. 387 के दो ले-आउट का मुआवजा उस समय के भाव के हिसाब से न मिलने के कारण अटक गया था. चमननगर की आबादी 4 से 5 हजार की है. इस बस्ती में 900 से 925 मकान है. दोनों ले-आउट उस समय अनवर बिल्डर मुश्ताक बिल्डर और रईसभाई बेकरीवाले के थे. सर्वे नं. 281 की जमीन 7 एकड और सर्वे नं. 387 की जमीन 4 एकड थी. बाद में मामला सुलझ गया और संबंधित बिल्डरों को उनका मुआवजा भी मिल गया. लेकिन जहां से यह रिंगरोड चमननगर से होता हुआ अलमास गेट के पास आकर मिल रहा था. वहां बीच में नझुल की जगह पर 48 मकान है. साथ ही सर्वे नं. 281 और सर्वे नं. 387 के 80 मकान भी इस रिंगरोड के निर्माण में जा रहे है. इन सभी लोगों ने अपना पूरी तरह पुनर्वसन करने की मांग जारी रखी. इस कारण रिंगरोड का केवल 1 से डेढ किलो मीटर शेष रहा निर्माण कार्य अधर में रह गया. इस चमननगर बस्ती से आधा किलोमीटर दूरी पर मनपा की 4 एकड जगह है. सडक के निर्माण के लिए मनपा इस 4 एकड जगह पर जिनके मकान सडक निर्माण में जा रहे है, उन्हें प्लॉट देने तैयार है. लेकिन नागरिकों का कहना है कि, उन्हें केवल भूखंड नहीं बल्कि घरकुल भी चाहिए. क्योंकि पिछले 50 वर्षों से भी अधिक समय से नझुल की जगह पर रहने वाले नागरिकों के पास बिजली और पानी के कनेक्शन भी है और वह मनपा व नझुल का टैक्स भी अदा करते है. इस कारण इन नागरिकों की मांग है कि, जब तक सभी का पूरी तरह पुनर्वसन नहीं किया जाता, तब तक वह अपनी जगह से नहीं हटेंगे.

* पूर्व मनपा आयुक्त रोडे व निपाने द्बारा किए गए थे प्रयास
चमननगर के पूर्व पार्षद मोहम्मद साबीर ने बस्ती के नागरिकों के पुनर्वसन के लिए प्रयास किए थे और उन्होंने पूर्व मनपा आयुक्त संजय निपाने और प्रशांत रोडे से मुलाकात भी की थी. तब इन दोनों पूर्व मनपा आयुक्त ने नागरिकों के पुनर्वसन करने का आश्वासन भी दिया था. लेकिन प्रक्रिया जारी रहते इन अधिकारियों के तबादले हो गए. पश्चात डॉ. प्रवीण आष्टीकर ने पदभार संभाला. उनके आने के बाद कुछ ही दिनों में मनपा सदस्यों का कार्यकाल समाप्त हो गया और प्रशासक नियुक्त होने के बाद यह मामला अधर में अटका पडा है. इसी कारण रिंगरोड का काम पूर्ण नहीं हुआ है.

* 6 माह पूर्व हुआ फिर नापजोख
रिंगरोड का निर्माण चमननगर तक लोकनिर्माण विभाग द्बारा किया गया है. यह रिंगरोड वर्ष 1993 में मंजूर हुआ था. लेकिन इसका निर्माण रहाटगांव से चमननगर तक वर्ष 2005 में पूर्ण हुआ. लेकिन 128 परिवार के पुनर्वसन की मांग को लेकर इस रिंगरोड का निर्माण कार्य नहीं हो पाया. लेकिन अब आवश्यक सभी प्रक्रिया हो गई है. लोकनिर्माण विभाग द्बारा 6 माह पूर्व इस परिसर का फिर से सर्वेक्षण कर नापजोख भी की गई है और रिंगरोड के अधर में पडे निर्माण को पूर्ण करने के प्रयास जारी है.

* मनपा की उदासिनता से डिमार्केशन नहीं हुआ
सूत्रों के मुताबिक चमननगर के जिन 128 परिवार के मकान इस रिंगरोड में जा रहे है. वह सभी नागरिक वहां से पुनर्वसित होने तैयार है. यह भी पता चला है कि, मनपा की 4 एकड जमीन पर इन नागरिकों को बसाने डीपी प्लान भी मंजूर होकर आ गया है. लेकिन मनपा की उदासिन कार्य प्रणाली के कारण अब तक डिमार्केशन नहीं हुआ है. इस कारण यह काम अटका पडा है. यह भी जानकारी है कि, नागरिको को भूखंड के साथ मुआवजा देने की निधि भी आ गई है. लेकिन केवल डिमार्केशन न होने से यह काम अटका पडा है. रिंगरोड में जिन नागरिकों के मकान जा रहे है, उन्हें मनपा की जगह पर भूखंड देने के लिए मार्किंग का काम भी अब तक नहीं हो पाया है. मनपा अधिकारियों की लापरवाही के कारण ही यह काम अटका है.

* रोड बना तो सुविधा के साथ विकास भी होगा
चमननगर के नागरिक पुनर्वसित होने तैयार भी है. क्षेत्र के नागरिकों का कहना है कि, यह रिंगरोड पूर्ण हो गया, तो संपूर्ण परिसर सहित आगे का भी विकास तेजी से होगा और नागरिकों को आपात समय में अमरावती जाने के लिए पर्यायी सुविधा भी रहेगी. लेकिन काम अधूरा रहने से अब परिसर के नागरिकों को भी परेशानी हो रही है और सभी विकास कार्य रुके पडे है.

* नापजोख हो गई हैं, जल्द शुरु होगा निर्माण कार्य
मनपा के नगर रचना विभाग के सूत्रों ने जानकारी दी है कि, 32 लोगों के मकान इस मार्ग में जाने के कारण उन्हें मुआवजे के तौर पर दिए जाने वाले साढे सात करोड रुपए जिला प्रशासन के पास जमा कर दिए गए हैं. इसके अलावा अन्य लोगों को मनपा की जमीन पर प्रत्येकी 550 चौरस फुट प्लॉट आवंटित किए जाएंगे. इस कारण पिछले कई वर्षो से अटका पडा रिंगरोड का निर्माणकार्य जल्द शुरु जाएगा. इसके लिए भूमिअभिलेख कार्यालय की तरफ से चमननगर परिसर की नापजोख भी कर ली गई हैं. लेकिन अब इन लोगों को वहां से हटाने व स्थानंतरित करने के लिए प्रशासक अथवा आमसभा मंजूरी आवश्यक हैं.

* सभी को घरकुल मिलने चाहिए
चमननगर के पास से रिंगरोड अलमास गेट तक जाने वाला हैं. बस्ती केे जिन लोगों के मकान जा रहे है उन्हें रिंगरोड स्थित मनपा की जगह पर प्रत्येकी 550 स्केयर फुट जमीन देना निश्चित हुआ हैं. इसके अलावा जिन्हें मुआवजा दिया जाएगा उन्हें जमीन नहीं मिलेगी, लेकिन प्रशासन ने जिनके मकान टूटने वाले हैं और जिनके पास पीआर कार्ड हैं उन्हें जमीन के साथ घरकुल देना चाहिए. मुआवजा सर्वे नं. 341, 340/4 और 280 के 32 लोगों का आया है, जो 6 करोड 72 लाख 26 हजार 100 रुपए है. अन्यों को भूखंड के साथ घरकुल का निर्माण करना चाहिए.
– मोहम्मद इमरान, पूर्व पार्षद बडनेरा

* सडक बनने पर क्षेत्र का विकास भी होगा
रिंगरोड का निर्माण पूर्ण होने पर क्षेत्र का तेजी से विकास होगा. साथ ही नागरिकों को आवाजाही में सुविधा भी होगी. सडक का निर्माण अधूरा रहने से परिसर का विकास रुक गया हैं. संबंधित नागरिक वहां से हटने तैयार हैं लेकिन उन्हें उचित मुआवजा मिलना चाहिए.
– मोहम्मद साबिर, पूर्व पार्षद बडनेरा

* वर्ष 2007 से काम प्रलंबित
रिंगरोड का काम वर्ष 2007 से अटका पडा हैं. पहले इस परिसर में काफी कम लोगों के मकान सडक निर्माण में जा रहे थे, लेेकिन समय बितने के साथ यहां की संख्या बढी हैं और मकान के निर्माण भी काफी हो गए हैं. लेकिन अब जल्द ही प्रशासन व्दारा आवश्यक कदम उठाकर सडक का निर्माण कार्य शुरु किया जाएगा.
– प्रकाश बनसोड, पूर्व पार्षद बडनेरा

* प्रक्रिया पूर्ण
चमननगर के पास से जाने वाले रिंगरोड के निर्माणकार्य के पूर्ण करने की वर्षो से चली आ रही प्रक्रिया करीबन पूर्ण हुई है. क्षेत्र की नापजोख भी कर ली गई हैं और अन्य आवश्यक प्रक्रिया भी पूरी हो जाएगी और काम भी शुरु हो जाएगा.
– डॉ. प्रवीण आष्टीकर, आयुक्त मनपा

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