अमरावतीमहाराष्ट्र

तीन पीढियों से सडक किनारे नाश्ते का धंधा

संतोष और पंकज साहू की मां लतादेवी आज भी करती है अधिक परिश्रम

* सस्ता और ताजा माल बिकता फटाफट
अमरावती/दि.24– सडक किनारे जिंदगी स्तंभ शुरु करने का अमरावती मंडल का प्रयोजन इन लोगों के जीवन संघर्ष को बयां करने और उनकी भी तकलीफे, समस्याएं लोगों के सामने लाने का रहा. जवाहर गेट के पास संतोषी माता मंदिर के सामने नाश्ते के ठेले पर सस्ता और अच्छा, ताजा नाश्ता मिलता है. लोग अपनी पसंद से कचोरी, समोसा, गीला बडा, मंगोडा, पालक वडा, मूंग वडा का आस्वाद तेज हरी और मीडियम लाल चटनी तथा दही-खटाई के साथ लेते हैं. इस खोमचे के संचालक संतोष प्रकाश साहू बताते हैं कि, इस धंधे में और इस तरह व्यवसाय करनेवाली उनकी तीसरी पीढी है. संतोष अपने भाई पंकज उर्फ पप्पू के संग सुबह सबेरे से दोपहर 4-5 बजे तक धूप हो या बारिश परिश्रम करते हैं. यह भी सगर्व बताते हैं कि, उनकी माताजी लतादेवी कदाचित सर्वाधिक परिश्रम करती है.

* दादा ने शुरु किया था काम
संतोष साहू ने बताया कि, उनके दादाजी नत्थूलाल जी साहू ने बरसों पहले सातखिराडी मुख्य रोड पर घर से ही गीला वडा, मंगोडा का काम शुरु किया था. उनके बनाए वडे और चटनी का स्वाद लोगों की जुबान पर चढा. लोग घर आकर नाश्ते का पार्सल ले जाते. विशेष कर सीलबट्टे पर हाथों से पीसी गई कच्ची लाल मिर्च की चटनी को सभी बडा पसंद करते. इसी चटनी के कारण गीला वडा का उनका धंधा प्रसिद्ध हुआ.

* दोनों भाई की मेहनत
संतोष व पंकज साहू ने बताया कि, घर पर तैयार होता माल जवाहर गेट पर ठेले पर लाकर बेचने का काम शुरु किया. इसके पीछे भी अपने ग्राहकों को सेवा देने का ही उनका विचार रहा. लोगों ने इस विचार की सराहना की और कुछ ही समय में जवाहर गेट पर उनके कस्टमर्स बढते गए. सबेरे 6 बजे से मेहनत करते दोनों भाई कई बार शाम 5 बजे तक फारीग हो पाते.

* सभी वर्ग के लोग कस्टमर्स
कालांतर में ब्रेड-पकोडा भी साहू बंधुओं ने अपने आयटमों में जोडा. उनके नाश्ते के दाम 20 रुपए प्लेट है. जिससे सभी आयु और सभी आय वर्ग के लोग पसंद करते हैं. चाव से खाते हैं. ऑडर्स भी अच्छी मात्रा में आने की जानकारी संतोष साहू देते हैं. धर्म-कर्म में बडा विश्वास रखनेवाले संतोष साहू का निश्चित ही ऐसे आयोजनों में योगदान रहता है. उनके खोमचे से रोज ही दो-चार निर्धनों को वे नाश्ता करवा देते हैैं. संतोष और पंकज अपने मिलनसार और हसमुख स्वभाव के कारण भी जवाहर गेट परिसर के लोगों के चहेते बने हैं. सस्ता और अच्छा नाश्ता करनेवाले लोग यहां से संतुष्ट होकर जाते हैं.

 

Related Articles

Back to top button