धनतेरस पर घंटों सडकें जाम, चुनावी रैलियों का असर
प्रमुख मार्केट में जाने से लोग कतराये
* आम कस्टमर्स और दुकानदार हलकान
अमरावती /दि.29- धनतेरस को खरीदी के लिए वर्ष का सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त माना जाता है. इस मुहूर्त पर मार्केट में धनवर्षा होती है, क्योंकि प्रत्येक घर में कुछ न कुछ नई वस्तु, साजोसामान, उपकरण, वाहन, सोने-चांदी आदि सहित प्रॉपर्टी की खरीददारी होती है. अमरावती में आज प्रमुख दलों की नामांकन रैलियों ने दोपहर में ऐन ग्राहकी के समय सडकों पर जाम लगा दिया. जिससे लोग अव्वल तो मार्केट में जाने से कतराये. वहीं जो कस्टमर्स सुबह के मुहूर्त में खरीददारी के लिए आये थे. वह ट्रैफिक में फंसे और थोडे परेशान हुए. जिससे अमरावती के लोगों ने पॉलिटीशन की सोच-समझ पर भी प्रश्न उपस्थित किये. बहरहाल दोपहर बाद सडकें सामान्य हुई और लोगों ने जमकर मनपसंद वस्तुओं की खरीदी कर मुहूर्त साध्य किया.
* अपरान्ह का समय, निकली रैलियां
नामांकन प्रक्रिया पिछले मंगलवार 22 अक्तूबर से शुरु हो गई थी. उसी दिन से प्रमुख प्रत्याशियों ने पर्चे खरीद लिये थे. किंतु आज आखिरी दिन ही शक्ति प्रदर्शन के साथ फॉर्म भरने का नियोजन अमूमन सभी प्रमुख दलों के उम्मीदवारों ने किया. जिससे धनतेरस के बावजूद अपरान्ह काल में दशहरा मैदान, राजापेठ, नेहरु मैदान और वालकट कम्पाउंड से निकली चुनावी रैलियों ने सडकों पर यातायात अवरुद्ध का दृश्य बना लिया था. उसमें भी रैलियों की भीड और ग्राहकों की भीड के कारण अमरावती की सडकें छोटी हो गई लगी.
* प्रमुख उम्मीदवारों के कारण भारी रश
प्रमुख प्रत्याशियों ने मंगलवार को ही अपने लिए मंगलमय मान कर नामांकन का यहीं समय तय किया. जिसमें बडनेरा के विधायक रवि राणा, अमरावती की विधायक सुलभा खोडके, कांग्रेस प्रत्याशी डॉ. सुनील देशमुख, निर्दलीय किंतु लोकप्रिय उम्मीदवार जगदीश गुप्ता, उधर बडनेरा में तुषार भारतीय, शिवसेना उबाठा के सुनील खराटे की भव्य-दिव्य रैलियों की वजह से राजापेठ से लेकर राजकमल, श्याम चौक तक ट्रैफिक जाम होने का नजारा था. ऐसा ही जयस्तंभ चौक से इर्विन के आगे सांस्कृतिक भवन के सामने स्थित तहसील कार्यालय जाती रैलियों के कारण मोर्शी रोड पर भी हैवी ट्रैफिक हो गया था. जिससे ग्राहकों को या तो देर तक ठहरना पडा अथवा लौटना पडा.
* तिपहिया भी रोके गये
यातायात अवरुद्ध होने की आशंका को यातायात पुलिस और खाकी ने काफी हद तक दूूर करने का प्रयत्न किया. जिसके लिए उन्होंने दलों और बाहरगांव से आये फोरविलर्स और बडे वाहनों को मार्केट से बाहर ही रखा. रेल्वे पुल पर दोपहर में राजकमल चौक की ओर जाते मार्ग पर फोरविलर के साथ ही तिपहिया भी रोकी गई. जिसके कारण कह सकते हैं कि, अधिक समय तक ट्रैफिक जाम नहीं हुआ. फिर भी कई आमजनों की जिव्हा पर प्रश्न था कि, प्रमुख दलों के उम्मीदवार जो स्वयं कानून बनाने वाले रह चुके हैं और कानून बनाने वाले बनने जा रहे हैं. वे इतनी सोच तो रखते कि, धनतेरस से पहले ही नामांकन का काम कर लेते.
* कुछ गलती दलों की भी
आखिरी दिन तक नामांकन न दायर करने के पीछे उम्मीदवारों के अपने-अपने कारण है. जिसमें खर्च का हिसाब नामांकन के बाद देना आवश्यक हो जाता है. उसी प्रकार महायुति और महाविकास आघाडी में स्थानों को लेकर अंतिम समय तक चली खींचतान की वजह से भी उम्मीदवारों की घोषणा समय पर हुई. इस वजह से भी आज नामांकन रैलियों की धूम रही और शहरवासियों को हैवी ट्रैफिक से जूझना पडा.