सेंट्रल जेल में 125 मुस्लिम कैदी रख रहे रोजे
जेल प्रशासन ने दो बैरकों में सहरी व इफ्तार सहित नमाज का किया प्रबंध
अमरावती/दि.11– विगत 3 अप्रैल से मुस्लिम समाज बंधूओं का पवित्र रमजान माह शुरू हुआ है. जिसमें सभी आयुवर्ग से वास्ता रखनेवाले मुस्लिम समाजबंधू खुदा की इबादत करते हुए रोजे रखते है. जिनमें अमीर-गरीब, नौजवान व बुजुर्गों सहित बच्चों का भी समावेश रहता है. वहीं कुछ कारणों व हालात के चलते जेल की सलाखों के पीछे रहनेवाले मुस्लिम बंधू भी रोजे रखने और खुदा की इबादत करने में पीछे नहीं है. जानकारी के मुताबिक इस समय अमरावती के मध्यवर्ती कारागार में सजायाफ्ता कैदी या विचाराधीन कैदी के तौर पर बंद रहनेवाले 125 मुस्लिम समाज बंधुओं द्वारा जेल की सलाखों के पीछे भी अपने मजहबी फर्ज को पूरा किया जा रहा है. जिनके लिए जेल प्रशासन द्वारा दो अलग-अलग बैरकों में सहरी व इफ्तार के साथ ही पांच वक्त की नमाज अदा करने का प्रबंध किया गया है.
बता दें कि, इन कैदियों द्वारा रमजान माह के पहले दिन से ही रोजे रखने शुरू किये गये और वे पूरे एक माह तक रोजे रखनेवाले है. इस बात के मद्देनजर अमरावती की सेंट्रल जेल के प्रशासन द्वारा इन रोजेदार कैदियों को दो अलग-अलग बैरकों में रखकर उनके लिए सारे इंतजाम किये गये है. जिसके तहत एक बैरक में सजायाप्ता कैदी रखे गये है. वहीं दूसरी बैरक में विचाराधीन कैदियों को रखा गया है. इन दोनों बैरकों में रोजेदार कैदियों के लिए सुबह की सहरी व शाम की इफ्तारी के लिए विशेष प्रबंध किये गये है. जिसके तहत उन्हेें सहरी व इफ्तार के वक्त फल, मिठाई, सुखा मेवा, खजूर व अल्पाहार उपलब्ध कराये जा रहे है. साथ ही सुबह 3 बजे सहरी में हलवे के साथ आधा पाव दूध, पोहा व चाय आदि उपलब्ध कराये जाते है और इफ्तार के लिए खजूर व केले जैसे फल उपलब्ध कराये जाते है. यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि, अमूमन जेल की कैन्टीन के जरिये महिने में एक बार सामान उपलब्ध कराया जाता है. लेकिन माहे रमजान की वजह से रोजा रखनेवाले कैदियों को रोजाना ही खजूर, मेवा व फलों की आवश्यकता पडती है. जिसके मद्देनजर हर एक दिन बाद कैन्टीन की सुविधा उपलब्ध करायी गई है. इन सबके साथ ही इन कैदियों के लिए नमाज अदा करने हेतु भी दोनों बैरकोें में विशेष इंतजाम किये गये है, ताकि जेल में बंद इन रोजादार कैदियों द्वारा अपने परवरदिगार की बिना दिक्कत इबादत की जा सके.