महाविद्यालय की गुणवत्ता बढवाने में आयक्यूएसी की भूमिका महत्वपूर्ण
हर्षवर्धन देशमुख (Harshvardhan Deshmukh) का प्रतिपादन

अमरावती/दि.8 – आज के स्पर्धा युग में महाविद्यालय की गुणवत्ता पर जोर दिया जाना आवश्यक है. महाविद्यालय के शैक्षणिक गुणवत्ता को बढवाने में आयक्यूएसी के भूमिका महत्वपूर्ण है, ऐसा प्रतिपादन पूर्व विधायक तथा श्री शिवाजी शिक्षण संस्था के अध्यक्ष हर्षवर्धन देशमुख ने व्यक्त किया. वे श्री शिवाजी कला व वाणिज्य महाविद्यालय में आयोजित चर्चासत्र में बोल रहे थे. श्री शिवाजी कला व वाणिज्य महाविद्यालय की ओर से झूम व यूट्यूब पर आयोजित महाविद्यालय से संलग्न आयक्यूएसी की भूमिका इस विषय पर चर्चासत्र में उपस्थित थे.
नेक की उपसलाहगार डॉ. लीना गहाणे के हस्ते चर्चासत्र का उद्घाटन किया गया. इस अवसर पर रुसा, महाराष्ट्र वरिष्ठ सलाहगार डॉ. प्रमोद पाब्रेकर प्रमुख अतिथि के रुप में उपस्थित थे. श्री शिवाजी शिक्षण संस्था ने सभी महाविद्यालयों को नैक द्बारा मानांकित किया. कुछ विद्यालयों को विथ पोटेशियल का दर्जा मिला है, ऐसी जानकारी संस्था के अध्यक्ष हर्षवर्धन देशमुख ने दी. चर्चा सत्र का विधिवत उद्घाटन डॉ. लीना गहाणे ने शुभकामनाएं दी.
चर्चासत्र दो सत्र में आयोजित किया गया था. जिसमें उद्घाटक लीना गहाणे ने ऑनलाइन असेसमेंट एडं एक्रीडीटेशन न्यू मैथाडालॉजी फे्रम वर्क इस विषय पर मार्गदर्शन किया. प्राचार्या डॉ. स्मिता देशमुख की अध्यक्षता में हुए इस चर्चासत्र का आभार डॉ. किशोर साबले ने माना. उसी प्रकार दूसरे सत्र में डॉ. प्रमोद पाब्रेकर ने शैक्षणिक गुणवत्ता बढवाए जाने के विषय पर मार्गदर्शन किया. श्री शिवाजी विज्ञान महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. वी.जी. ठाकरे की अध्यक्षता में हुए इस चर्चा सत्र का आभार डॉ. वंदना देशमुख ने माना. इस चर्चा सत्र को सफल बनाने के लिए महाविद्यालय के आयक्यूएसी के सभी सदस्य डॉ. वर्षा चिखले, प्रा. मनोज जगताप, डॉ. बबन झरे, डॉ. कुमार बोबडे तथा महाविद्यालय के शिक्षक व शिक्षकेत्तर कर्मचारियों ने अथक प्रयास किए. राष्ट्रीय स्तर के इस चर्चा सत्र में राज्य सहित देशभर के 472 प्राध्यापकों ने सहभाग लिया.