अमरावती

गरीबों की थालियों से रोटियां हुई कम

सस्ते अनाज दूकान से गेहूं का कोटा घटा, चावल का बढ़ा

अमरावती/दि.19– राशन दूकान में मिलने वाले गेहूं का कोटा कम कर केंद्र सरकार ने जून 2022 से चावल का कोटा बढ़ाया है. जिसके चलते अब गेहूं की रोटियां यह मुख्य अन्न माने जाने वाली महाराष्ट्र समान अनेक राज्यों के गरीबों की थालियों की रोटियां कम हुई है. उन्हें पेट भरने के लिए अब नाईलाज चावल का ही अधिक मात्रा में इस्तेमाल करना पड़ेगा. दरमियान संयुक्त राष्ट्र (यूएन) की रिपोर्ट के अनुसार भारत में 22 करोड़ नागरिक व्यवस्थित अनाज न मिलने से कुपोषित होने की रिपोर्ट घोषित हुई है. इस पार्श्वभूमि पर गेहूं का प्रमाण कम होना, यह चिंता का विषय बना है.
राष्ट्रीय अन्न सुरक्षा योजना अंतर्गत काम दाम में व कोरोना काल में शुरु की गई प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना अंतर्गत निःशुल्क अनाज केंद्र शासन द्वारा देश के नागरिकों को दिया जाता है. जिसके अंतर्गत प्राधान्य परिवार लाभार्थियों को मई महीने तक 3 किलो गेहूं व 2 किलो चावल मिलता था. लेकिन अब 1 किलो गेहूं व 4 किलो चावल दिया जा रहा है. प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना में भी यहीं प्रमाण कायम है. दक्षिण की ओर के राज्य व उस राज्य की सीमा के पास के महाराष्ट्र के जिले के अलावा संपूर्ण महाराष्ट्र के नागरिोकं के भोजन में गेहूं की रोटी यह मुख्य घटक है. भोजन में गेहूं का स्थान थोड़े बहुत अंतर में संपूर्ण देशभर में समान ही है. राशन दूकान के गेहूं का कोटा कम होने का कारण गेहूं का उत्पादन कम होना माना जा रहा है. फिर भी उत्पादित गेहूं केंद्र सरकार ने गत वर्ष तक की तुलना में इस वर्ष काफी कम पैमाने में खरीदने की चर्चा है. बावजूद दूसरे देशों को भी गेहूं निर्यात किये जाने से अब देश की मांग जितना गेहूं केंद्र सरकार के गोदाम में नहीं होने की जानकारी तज्ञों द्वारा दी जा रही है. जिसके चलते ही अब गरीबों की थाली के गेहूं का प्रमाण कम कर उन्हें चावल दिये जाने से नाराजी व्यक्त की जा रही है.
केंद्र शासन के नियोजन के अनुसार राशन दूकान से अनाज वितरित किया जाता है. आगे गेहूं का प्रमाण बढ़ाने के आदेश आने पर उसके अनुसार अनाज वितरित होगा.
– डी.के. वानखडे, जिला आपूर्ति अधिकारी, अमरावती

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