अमरावतीमहाराष्ट्र

4 माह से धुल खा रहे रमाई आवास के 27 करोड रुपए

1100 लाभार्थी काट रहे मनपा मुख्यालय में लगातार चक्कर

* समाज कल्याण विभाग ने मनपा के काम पर लगाया सवालिया निशान
अमरावती/दि.20– विगत 12 वर्षों से स्थानीय महानगरपालिका रमाई आवास योजना के तहत दिये गये लक्ष्य को पूरा नहीं कर पायी है. वहीं इस योजना में लाभार्थियों के करीब 27 करोड रुपए विगत 4 माह से जस के तस धुल खाते हुए पडे है. जिस पर मनपा द्वारा कोई निर्णय नहीं लिया गया है. ऐसे में लाभार्थियों को उनके अधिकारपूर्ण घरकुल से वंचित रखने के मामले में जबाबदारी निश्चित क्यों न की जाये, ऐसी कार्रवाई की भाषा अब समाज कल्याण विभाग द्वारा मनपा के लिए प्रयोग में लायी जा रही है.
बता दें कि, सन 2010-11 में रमाई घरकुल योजनांतर्गत महानगरपालिका को 5 हजार 746 घरकुलों का लक्ष्य मिला था, जो आज 12 वर्ष बाद भी पूरी तरह से पूर्ण नहीं हो सका है. अब तक केवल 5 हजार घरकुल ही पूरे बन पाये है और 700 घरकुलों का काम शेष है. 2-3 साल पहले महानगरपालिका ने 1100 लाभार्थियों की सूची तैयार की थी. इस सूची को तैयार करने के लिए भी महानगरपालिका को एक साल से अधिक का समय लग गया था. वहीं सूची तैयार होने के बाद भी कई लाभार्थियों की कुछ व्यक्तिगत दिक्कतें एवं दस्तावेजों से संबंधित त्रृटियां थी. जिसके चलते रमाई आवास योजना यह महानगरपालिका में सबसे अधिक समय तक लटके रहने वाले प्रकल्पों में से एक प्रकल्प साबित हुई.
इस दौरान मनपा की आमसभा में कई बार तत्कालीन पार्षदों ने प्रशासन के कामकाज पर अपना रोष व्यक्त किया. वहीं दूसरी ओर रमाई आवास के लाभार्थी घरकुल हेतु निधि मिलने की आस में सालोंसाल तक मनपा के चक्कर काटते रहे. इसी दौरान 1100 घरकुलों की सूची को मंजूरी मिली और समाज कल्याण विभाग द्वारा 27 करोड रुपए की निधि प्राप्त हुई. परंतु इस निधि को अब तक लाभार्थियों के खाते में वर्ग नहीं किया गया है. जिसके चलते योजनाओं के लाभार्थियों सहित समाज कल्याण विभाग ने भी मनपा प्रशासन को जमकर आडे हाथ लेना शुरु कर दिया है.
* प्रकरण मंजूर हुए 2 माह हो गये, आपने क्या किया?
इस संदर्भ में समाज कल्याण विभाग ने मनपा को एक पत्र भेजा है. जिसमें लाभार्थियों को योजना के लाभ से वंचित रखे जाने का ठिकरा मनपा प्रशासन पर छोडा गया है. पत्र के मुताबिक समाज कल्याण विभाग ने निधि के वितरण का आदेश जारी कर सीधे आरटीजीएस के जरिए संबंधित रकम महानगरपालिका को भिजवाई थी. 11 फरवरी 2024 की सभा के अनुसार यह पूरी कार्रवाई नियमानुसार व तय समय में पूरी की गई. परंतु 19 मार्च तक 1100 लाभार्थियों के बैंक खाते में यह रकम वर्ग नहीं की गई, ऐसी शिकायत लाभार्थियों की ओर से प्राप्त हुई है. यह अपने आप में बेहद गंभीर और प्रशासकीय तौर पर अयोग्य बात रहने का आक्षेप समाज कल्याण विभाग ने मनपा प्रशासन पर रखा था. आचार संहिता की वजह को आगे करते हुए निधि वर्ग नहीं किये जाने की वजह मनपा द्वारा की गई है. परंतु इन सभी मामलों को मंजूरी मिलने के साथ ही निधि आवंटित हुए करीब डेढ से दो माह हो चुके है और इसके बावजूद लाभार्थियों के खाते में पहली किश्त की निधि वर्ग नहीं की गई है, जबकि उस समय कोई आचार संहिता लागू नहीं थी. ऐसे में मनपा प्रशासन से इसका जवाब पूछा जा रहा है. साथ ही समाधानकारक जवाब नहीं मिलने पर वित्तीय नियमावली का उल्लंघन करने और लाभार्थियों को उनके हक वाले घरकुलों से वंचित रखने के मामले में जबाबदारी निश्चित करते हुए कार्रवाई करने को लेकर घरकुल निर्मिति समिति की सदस्य सचिव तथा समाज कल्याण सहायक आयुक्त माया केदार ने मनपा प्रशासन को नोटीस जारी की है.
* कोर्ट ऑफ कंडक्ट की प्रतिक्षा
शनिवार से आचार संहिता लागू हो गई है. ऐसी स्थिति में लाभार्थियों को निधि कैसे दी जाये, इस ओर सभी का ध्यान लगा हुआ है. साथ ही इसके बारे में जानकारी ली जा रही है और यदि निधि वितरीत कर लाभार्थियों को लाभ दिया जा सकता है, तो तत्काल ही निधि वितरीत की जाएगी.
– रवींद्र पवार,
कार्यकारी अभियंता,
अमरावती मनपा.

 

 

 

 

 

 

 

Related Articles

Back to top button