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आयकर विभाग के सुपुर्द हुआ पांच करोड रूपयों का सोना

5 मार्च को राजापेठ पुलिस ने छापा मारकर किया था बरामद

अमरावती/दि.22- स्थानीय राजापेठ पुलिस ने विगत 5 मार्च को बडनेरा रोड परिसर स्थित राधा-कृष्ण अपार्टमेंट में छापा मारकर करीब 5 करोड रूपये मूल्य का सोना बरामद किया था. साथ ही राजस्थान निवासी सुवर्ण व्यवसायियों को भी पूछताछ हेतु अपनी हिरासत में लिया था. वहीं इस मामले की सूचना नागपुर के आयकर विभाग कार्यालय को दी गई थी. ऐसे में आयकर विभाग ने भी इस मामले में अपनी ओर से जांच-पडताल करनी शुरू की. साथ ही आज नागपुर से आयकर विभाग के एक दल ने अमरावती आकर राजापेठ पुलिस से उक्त सोने को अपने कब्जे में लिया.
बता दें कि, दशहरा मैदान के सामने स्थित राधाकृष्ण अपार्टमेंट के एक फ्लैट में छापा मारकर राजापेठ पुलिस ने शनिवार 5 मार्च की रात करीब 5 करोड रूपये मूल्य का 10 किलो सोना बरामद करने के साथ-साथ लगभग साढे पांच लाख रूपये की रकम भी जप्त की थी. साथ ही इस मामले में जांच व पूछताछ हेतु राजस्थान निवासी तीन लोगों को भी अपनी हिरासत में लिया गया था. राधाकृष्ण अपार्टमेंट के एक फ्लैट से 10 किलो 238 ग्राम व 900 मिलीग्राम सोना जप्त किया गया. इसमें करीब 580 ग्राम वजनी सोने के बिस्कीट तथा 9 किलो 600 ग्राम से अधिक वजन के सोने के हार, कर्णफुल, अंगूठी, चेन, चपलाहार व ब्रेसलेट जैसे तैयार आभूषण जप्त किये गये. साथ ही यहां से राजेंद्रसिंह भंवरसिंह राव (38, सेवाली, तह. राजसमंद, राजस्थान), गिरीराज जगदीशचंद्र सोनी (22, वल्लभनगर, उदयपुर, राजस्थान) तथा अशोक सत्यनारायण खंडेलवाल (24, गंगापुर, भिलवाडा, राजस्थान) को अपनी हिरासत में लिया गया था. हिरासत में लिये गये राजेंद्रसिंह राव ने बताया था कि, उसकी श्रीजी गोल्ड नामक कंपनी है और वह मुंबई के सराफा मार्केट से सोने के बिस्कीट व तैयार आभूषण लाकर स्थानीय सराफा व्यापारियों को बेचता है. साथ ही कई बार सराफा व्यापारियों से मिलनेवाले ऑर्डर के अनुसार स्थानीय कारागीरों के जरिये सोने के आभूषण तैयार करवाकर उन्हें उपलब्ध कराता है. राव ने यह भी बताया कि, वह यह व्यवसाय विगत करीब चार-पांच वर्षों से कर रहा है और उसने बाकायदा अमरावती के जीएसटी कार्यालय से जीएसटी पंजीयन भी करवा रखा है. किंतु पुलिस द्वारा की गई जांच-पडताल के दौरान राजेेंद्रसिंह राव की ओर से इस पूरे व्यवहार के पक्के बिल पेश नहीं किये जा सके. साथ ही मुंबई से लाये गये सोने की खरीदी, स्थानीय व्यापारियों को की गई सोने की बिक्री तथा स्थानीय कारागीरों को आभूषण तैयार करने की ऐवज में दी गई मजदूरी को लेकर राजेंद्रसिंह राव द्वारा कोई अधिकृत दस्तावेज पेश नहीं किये जा सके. हालांकि राव ने यह दावा जरूर किया था कि, ये सभी दस्तावेज उसकी कंपनी के मुंबई स्थित मुख्यालय और उसके चार्टर्ड अकाउंटंट के पास है. किंतु इस बयान से पुलिस संतुष्ट नहीं हुई. जिसके बाद पुलिस ने तुरंत ही मौके पर एक सुवर्णकार को बुलाया और ये सोना असली है अथवा नकली, इसकी जांच करायी. साथ ही सोना असली रहने की पुष्टि होने के बाद पंचनामा करते हुए इस सोने को सिलबंद कर जप्त कर लिया गया. जिसमें करीब सवा 9 किलो सोने के तैयार गहने व आधे किलो से अधिक सोने के बिस्कीटों का समावेश था. इसके अलावा यहां से 5 लाख 39 हजार 800 रूपये की नकद राशि भी पुलिस द्वारा बरामद करते हुए जप्त की गई.
वहीं अब इस मामले में आयकर विभाग की एंट्री हो गई है और आयकर विभाग की टीम ने नागपुर से अमरावती आकर सोने की इस खेप को अपने कब्जे में लिया. साथ ही कडी सुरक्षा के बीच सोने को नागपुर ले जाया गया.

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