अमरावती

9 फरवरी से शुरू होगी आरटीई की प्रवेश प्रक्रिया

प्राथमिक शिक्षा संचालनालय ने संभावित टाईम टेबल किया घोषित

अमरावती प्रतिनिधि/दि.30 – आर्थिक रूप से पिछडे व वंचित घटक के विद्यार्थियो हेतु निजी शालाओं में आरक्षित रहनेवाली 25 फीसदी सीटो के लिए इस बार केवल एक ही ड्रॉ निकाला जायेगा. इस हेतु प्राथमिक शिक्षा संचालनालय द्वारा प्रवेश प्रक्रिया को लेकर सभावित समयसारणी घोषित की गई है. जिसके तहत शिक्षा अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत पात्रता धारक अंग्रेजी माध्यमवाली निजी शालाओं को 30 जनवरी तक अपना पंजीयन करवाना है और पात्रता रहने के बावजूद भी पंजीयन नहीं करनेवाली शालाओं के खिलाफ शालेय शिक्षा विभाग द्वारा कार्रवाई की जायेगी.
बता दे कि, आरटीई अंतर्गत प्रतिवर्ष आर्थिक रूप से कमजोर घटक के 25 फीसदी विद्यार्थियो को निजी शालाओं में प्रवेशे दिया जाता है. जिसके तहत इस बार प्रवेश हेतु आगामी 9 फरवरी से 26 फरवरी तक ऑनलाईन आवेदन भरे जा सकेंगे. पश्चात 5 मार्च को लॉटरी पध्दति से प्रवेश हेतु ड्रॉ निकाला जायेगा और ड्रॉ में नाम निकालने के बाद संबंधित पाल्यों के अभिभावकों को 9 से 26 मार्च के दौरान अपने दस्तावेजों की पडताल करवानी होगी. जिसके बाद प्रतिक्षा सुची घोषित की जायेगी और प्रतिक्षा सुची में शामिल विद्यार्थियों द्वारा चार चरणो में प्रवेश लिया जा सकेगा. इस बार प्रवेश हेतु एक ही ड्रॉ निकाला जायेगा और शालाओं में रिक्त रहनेवाली सीटो की संख्या के अनुपात में ही प्रतिक्षा सुची घोषित की जायेगी. प्रतिक्षा सुची के पुर्ण होने के बाद भी शालाओं में पद रिक्त रहने और आवेदन भी शेष रहने पर दुबारा ड्रॉ निकालकर शेष बचे हुए विद्यार्थियो को प्रवेश दिया जायेगा. ऐसी जानकारी प्राथमिक शिक्षा संचालक द्वारा दी गई है.

  • ऐसा है संभावित टाईम टेबल

8 फरवरी – शालाओं का पंजीयन
9 से 6 फरवरी – प्रवेश हेतु ऑनलाईन आवेदन
5 से 6 मार्च – ऑनलाईन ड्रॉ
9 से 26 मार्च – प्रवेश निश्चिती
27 मार्च से 6 अप्रैल – प्रतीक्षा सुची (पहला चरण)
12 से 19 अप्रैल – प्रतीक्षा सुची (दुसरा चरण)

  • अन्यथा संस्थाओ पर होगी कार्रवाई

आरटीई प्रवेश प्रक्रिया के दरम्यान कई बार संस्थाओं व एनजीओ द्वारा गलत जानकारी भरवाते हुए पालकों की दिशाभुल की जाती है. साथ ही बच्चों को उनकी पसंदीदा शाला में प्रवेश दिलवाने हेतु गलत पता दर्ज कराते हुए शाला के पास ही घर रहने की बात दर्शायी जाती है. ऐसी शिकायतें आने पर संबंधितों के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी, ऐसा प्राथमिक शिक्षा विभाग द्वारा स्पष्ट किया गया है.

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