धामणगांव रेलवे/दि.13-रापनि द्वारा चलाई जा रही बसों की फिटनेस जांच करना जरूरी है. चूंकि लालपरी एक यात्री वाहन है, इसलिए इसे चलाते समय अच्छी स्थिति में होना चाहिए, अन्यथा दुर्घटना में जानहानि हो सकती है. इसलिए हर साल आरटीओ द्वारा एसटी वाहन का निरीक्षण किया जाता है. आरटीओ से फिटनेस सर्टिफिकेट मिलने के बाद ही बस को यात्री सेवा में लगाया जा सकता है. सरकार द्वारा प्रत्येक वाहन की आयु 15 वर्ष निर्धारित की गई है. सरकार द्वारा लिए गए फैसले के मुताबिक, 15 साल की अवधि के बाद वाहन को स्क्रैप करना होगा. यही नियम एसटी पर भी लागू होता है. एसटी वाहन नया होने तक यानी सात साल तक हर दो साल में एक बार फिटनेस सर्टिफिकेट लेना होता है. उससे पहले हर साल फिटनेस सर्टिफिकेट लेना आवश्यक है.
* अमरावती डिपों में 315 बसें
अमरावती डिपो में कुल 315 बसें हैं. चांदूर रेलवे के डिपो में 30 बसें हैं. फिटनेस सर्टिफिकेट के बिना ये सभी बसें सडक पर नहीं चलतीं.
* कितनी बसों का निरीक्षण किया गया?
बिना फिटनेस सर्टिफिकेट के यात्रियों को ले जाना अपराध है. यात्री वाहन के लिए हर साल फिटनेस सर्टिफिकेट लेना आवश्यक होेता है. चरणबद्ध तरीके से बसों को फिटनेस सर्टिफिकेट के लिए आरटीओ के पास भेजा जाता है. 315 बसों में से एक माह में करीब 40 बसें निरीक्षण के लिए भेजी जाती हैं.
* एम.परिवहन ऐप
सरकार ने एम. परिवहन ऐप तैयार किया है. इस ऐप पर वाहन का फिटनेस सर्टिफिकेट कितने दिनों तक वैलिड है, इसका पता चलता है.
* साल में एक बार जांच
सरकार ने जारी किए नियम अनुसार सात साल से अधिक समयावधि हुई बसों की साल में एक बार आरटीओ द्वारा जांच की जाती है, इसके बाद ही फिटनेस सर्टिफिकेट दिया जाता है.
पूर्णत: की जाती है दुरुस्ती
एसटी किसी भी दिन कोई यात्री नहीं ले जाता है. जब फिटनेस नवीनीकरण की तारीख कुछ दिन दूर होती है, तो बस को निरीक्षण के लिए आरटीओ भेजा जाता है. आरटीओ बस की स्थिति की जांच करेगा. उसके बाद ही फिटनेस सर्टिफिकेट देते हैं. बस को आरटीओ ले जाने से पहले बस की पूरी तरह से मरम्मत की जाती है.
-नीलेश बेलसरे, विभाग नियंत्रक,
राज्य परिवहन विभाग, अमरावती