नागापुर की रवीना जामकर की मौत से बवाल
12 दिनों की बालिका हुई मां की ममता से वंचित

* नव प्रसूता के रिश्तेदारों का आरोप डॉक्टर्स पर
* शव लेने से किया मना, पहले दोषी पर करें कार्रवाई
अमरावती/ अचलपुर/धारणी/ दि. 11- मेलघाट के नागापुर की नव प्रसूता की मौत से अचलपुर उपजिला अस्पताल में बवाल मचा. परिजनों ने डॉक्टर्स पर लापरवाही का आरोप मढकर दोषियों पर कार्रवाई होने तक शव लेने से मना कर दिया. मृतका के अनेक रिश्तेदार और नागापुरवासी वहां डटे थेे. पूर्व विधायक राजकुमार पटेल ने भी मृतका के रिश्तेदारों की मांग का समर्थन किया. उधर धारणी के थानेदार जाधव बीच बचाव का प्रयास कर रहे थे. समाचा लिखे जाने तक वहां वातावरण तंग हो गया था.
जानकारी के अनुसार नागापुर की रवीना केशव जामकर की 12 दिनों पहले प्रसूति हुई थी. उसने पुत्री को जन्म दिया. किंतु रवीना की तबियत बिगडती गई. परिजनों ने आरोप लगाया कि डॉक्टर्स की लापरवाही की वजह से ऐसा हुआ है. रवीना ने मंगलवार दोपहर 2 बजे दम तोड दिया. जिसके बाद उनकी माताजी शांति हरीशचंद्र कासदेकर ने स्वास्थ्य विभाग पर गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि रवीना को स्वास्थ्य केन्द्र से अस्पताल लाने के लिए वाहन उपलब्ध था. डॉक्टर्स ही हाजिर नहीं थे. ऐसे में डॉक्टर्स की लापरवाही के कारण नव प्रसूता की जान गई है. अब वह वापस नहीं आ सकती. उसकी 12 दिनों की बालिका मां की ममता से मरहूम हो गई.
शांति कासदेकर ने दोषी डॉक्टर्स पर तत्काल कार्रवाई करने की मांग उठाई. उनके साथ अनेक रिश्तेदार और नागापुर ग्राम के लोग अस्पताल पहुंच गये. वहां बखेडा खडा हो गया. ऐसे में पुलिस महकमा पहुंचा. थानेदार जाधव ने बीच बचाव का प्रयास किया. उन्होंने शांति कासदेकर से बात की. उनसे कहा कि दोषियों पर कायदे के अनुसार कार्रवाई अवश्य होगी. अभी जामकर तथा कासदेकर परिवार को मृतका का पार्थिव लेकर उसका अंतिम संस्कार करने प्राथमिकता देनी चाहिए. किंतु परिजन उनके जवाब से संतुष्ट नहीं हुए. समाचार लिखे जाने तक परिजन अस्पताल में डटे थे. किंतु रवीना का पार्थिव लेने से मना कर रहे थे. वहीं चिकित्सा विभाग का कोई बडा अधिकारी नहीं पहुंचा था.
पूर्व विधायक राजकुमार पटेल ने भी नव प्रसूता की मृत्यु हेतु जिम्मेदार चिकित्सकों पर तत्काल एक्शन लेने की मांग उठाई थी. हालांकि उन्होंने परिजनों को भी मनाने का प्रयत्न किया. रवीना की मां डॉक्टर्स की लापरवाही के आरोप पर अडी थी. उन्होंने कहा कि समय पर चिकित्सक पहुंच जाते तो आज उनकी बेटी जीवित होती. उसी प्रकार वे बिलख बिलख कर 12 दिनों की बच्ची के मां की ममता से वंचित होने का उल्लेख कर रही थी.
उल्लेखनीय है कि मेलघाट में अस्पतालों में प्रसूति के लिए प्रशासन प्रयास करता है. ताकि जच्चा- बच्चा सुरक्षित रहे. उसी प्रकार विशेष ध्यान रखने के लिए भी कहा जाता है. उसी मेलघाट के नागापुर की नव प्रसूूता की इस प्रकार कथित डॉक्टरी देरी से जान चली गई.