31 मई को कौंडण्यपुर से रवाना होगी रुक्मिनी माता की पालकी
9 जुलाई तक चलेगी पंढरपुर की पैदल वारी, तैयारियां शुरु

अमरावती/दि.22 – समिपस्थ श्रीक्षेत्र कौंडण्यपुर से आगामी 31 मई को माता रुक्मिनी की पालकी का पंढरपुर हेतु प्रस्थान होगा और यह पैदल वारी 9 जुलाई तक चलेगी, इस आशय की जानकारी कौंडण्यपुर स्थित माता रुक्मिनी मंदिर संस्थान के विश्वस्त मंडल द्वारा दी गई है.
बता दें कि, श्री क्षेत्र कौंडण्यपुर यह विदर्भ का पुरातन तीर्थक्षेत्र है. जिसे धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक कृष्णप्रिया रुक्मिनी सहित पांच सतीयों का मायका माना जाता है. भगवान श्रीराम की दादी व राजा दशरथ की मां इंदुमति, अगस्त्य ऋषि की पत्नी लोपामुद्रा, राजा भगीरथ की पत्नी केशीनी व नल राजा की पत्नी दमयंती सहित चौरंगीनाथ का यह जन्मस्थान है. श्री क्षेत्र कौंडण्यपुर में श्री अंबिका माता का पुरातन मंदिर है और माना जाता है कि, इसी मंदिर से भगवान श्रीकृष्ण ने माता रुक्मिनी का हरण किया था. श्रीमद् भागवत में भी इस क्षेत्र का उल्लेख पाया जाता है. वशिष्ठा यानि आज की वर्धा नदी के किनारे स्थित इस पुरातन तीर्थक्षेत्र में करीब 451 वर्ष पहले श्री संत सदाराम महाराज हुए. जिन्होंने सन 1594 में श्री क्षेत्र कौंडण्यपुर से श्री क्षेत्र पंढरपुर की पैदल वारी शुरु की थी और इस परंपरा को आगे भी कायम रखा गया. जिसके चलते यह इस पैदल वारी के आयोजन का 431 वां वर्ष है.
इसी परंपरा के तहत आगामी 31 मई को शाम 4 बजे माता रुक्मिनी के मायके कौंडण्यपुर से पंढरपुर हेतु पालकी व दिंडी रवाना होगी. किसी देवी के मायके से निकलने वाली यह महाराष्ट्र की एकमेव मानंकित पालकी है, यह विशेष उल्लेखनीय है. उक्ताशय की जानकारी देते हुए श्री विठ्ठल-रुक्मिनी मंदिर संस्थान (कौंडण्यपुर) द्वारा बताया गया कि, आषाढी पंढरपुर यात्रा तथा श्री क्षेत्र कौंडण्यपुर से श्री क्षेत्र पंढरपुर तक पैदल पालकी में शामिल होने के इच्छुक अपने नाम का पंजीयन कराने हेतु कौंडण्यपुर स्थित मंदिर कार्यालय से संपर्क कर सकते है. साथ ही विश्वस्त मंडल ने सभी भाविकभक्तों एवं वारकरियों से 31 मई को दोपहर 4 बजे पालकी प्रस्थान समारोह अवसर पर बडी संख्या में उपस्थित रहने का आवाहन भी किया है.