अमरावती

विद्यापीठ से संलग्न नहीं रहने वाले महाविद्यालय में नियमबाह्य प्रवेश

एमएससी के विद्यार्थी हुए त्रस्त, कॉलेज को कोर्ट का झटका

अमरावती/दि.7 – संत गाडगे बाबा के एमएससी पाठ्यक्रम से संलग्न नहीं हरने के बावजूद बुलढाणा जिले के जलगांव जामोद तहसील अंतर्गत पिंपलगांव काले स्थित बापूमियां सिराजुद्दीन पटेल महाविद्यालय द्बारा 50 विद्यार्थियों को नियमबाह्य तरीके से अपने यहां एमएससी पाठ्यक्रम में प्रवेश दिए जाने का मामला सामने आया है. जिसके चलते अब इन विद्यार्थियों का शैक्षणिक भविष्य अधर में अटक गया है और वे न्याय पाने के लिए दर-दर भटक रहे है.
चूंकि अब संगाबा अमरावती विद्यापीठ द्बारा सभी पाठ्यक्रमों की ग्रीष्मकालीन परीक्षाएं ली जानी है. जिसमें विद्यापीठ से संलग्न रहने वाले सभी महाविद्यालयों के छात्र-छात्राएं शामिल होंगे, लेकिन चूंकि बापूमियां सिराजुद्दीन पटेल महाविद्यालय की विद्यापीठ से संलग्नता ही नहीं है, ऐसे में विद्यापीठ ने अब ऐन परीक्षा के समय एमएससी पाठ्यक्रम में किए गए प्रवेश को रद्द ठहरा दिया है. जिसके चलते इस महाविद्यालय के एमएससी छात्र-छात्राओं को परीक्षा में शामिल होेने का अवसर ही नहीं मिलने वाला है. यह जानकारी मिलते ही सभी छात्र-छात्राएं बेहद संतप्त हो गए है, लेकिन इसके बावजूद महाविद्यालय के संचालकों द्बारा विद्यापीठ के कुछ उच्च पदस्त अधिकारियों के साथ हाथ मिलाकर विद्यार्थियों को अब भी उम्मीद दिखाई जा रही है. जबकि हकीकत यह है कि, समिति की रिपोर्ट व महाविद्यालय का उत्तर नियमानुसार विद्या परिषद के सामने प्रस्तुत करने होंगे. साथ ही एमएससी पाठ्यक्रम में प्रवेश नहीं देने को लेकर विद्यापीठ के उपकुलसचिव ने इससे पहले ही बी. एस. पटेल महाविद्यालय को सूचित कर दिया था. वहीं अब अदालत ने विद्यापीठ के निर्णय में हस्तक्षेप करने से इंकार करते हुए विद्यापीठ अधिनियम की धारा 110 (5) से विपरित कार्रवाई अयोग्य रहने का फैसला सुनाते हुए संलग्नता नहीं रहने पर नहीं रहने के बावजूद दिए गए सभी प्रवेश के अवैध रहने की बात अधोरेखित की है.

* क्या है मामला
बुलढाणा जिले की जलगांव जामोद तहसील अंतर्गत पिंपलगांव काले नामक गांव में बापूमियां सिराजुद्दीन पटेल महाविद्यालय नामक कला, वाणिज्य व विज्ञान महाविद्यालय है. जिसमें यद्यपि मनमाना शुल्क लिया जाता है, लेकिन यहां से सहज उत्तीर्ण होना संभव रहने के चलते दूरदराज के कई विद्यार्थी इस महाविद्यालय में प्रवेश लेते है. यह कॉलेज विद्यापीठ मुख्यालय से काफी दूर रहने के चलते अमूमन विद्यापीठ प्राधिकरण के सदस्य इस ओर भटकते ही नहीं और यदि गलती से कोई अधिकारी या सदस्य परीक्षा के दौरान इस ओर चला भी गया, तो उसे ‘मैनेज’ करने का कौशल्य महाविद्यालय के संचालकों के पास है.

* समिति ने संलग्नता नकारी
अप्रैल 2022 में इस महाविद्यालय में विज्ञान, कला व वाणिज्य विषयों में पदव्युत्तर पाठ्यक्रम की संलग्नता हेतु आवेदन दाखिल किया. अगस्त माह में सरकार की मान्यता प्राप्त की. विद्यापीठ के नियमानुसार सितंबर 2022 में विद्यापीठ ने महाविद्यालय का निरीक्षण करने हेतु 5 सदस्यीय टिम भेजी. विद्यापीठ के डॉ. प्रशांत गावंडे इस समिति के अध्यक्ष थे. महाविद्यालय की अपर्याप्त व्यवस्थाओं व आवश्यक दस्तावेजों के उपलब्ध नहीं रहने को देखने हुए समिति ने इस महाविद्यालय की विद्यापीठ से संलग्नता को नकार दिया था. लेकिन इसके बावजूद भी महाविद्यालय द्बारा अपने यहां एमएससी के पदव्युत्तर पाठ्यक्रम में विद्यार्थियों को प्रवेश दिया गया.

बापूमियां पटेल महाविद्यालय में एमएससी पाठ्यक्रम को विद्यापीठ की संलग्नता नहीं है. इस संदर्भ में उच्च न्यायालय ने भी विद्यापीठ के पक्ष में फैसला सुनाया है. जिसके चलते इस महाविद्यालय द्बारा एमएससी पाठ्यक्रम में विद्यार्थियों को दिया गया प्रवेश पूरी तरह से नियमबाह्य है.
– डॉ. तुषार देशमुख,
कुलसचिव, संत गाडगे बाबा अमरावती विद्यापीठ

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