मनपा कर्मचारी संगठन में दोफाड, 30 से 40 लोगों ने दिया इस्तीफा
वेतन से संगठन के वार्षिक शुल्क की कटौती का किया विरोध
अमरावती/दि.23– महानगर पालिका कर्मचारी व कामगर संघ नामक संगठन के वार्षिक सदस्यता शुल्क की वेतन से कटौती न की जाये, इस आशय का पत्र मनपा के 20 से अधिक कर्मचारियों ने मुख्य लेखाधिकारी को दिया है. जिनमें संगठन के संगठन मंत्री का भी समावेश है. जिसके चलते संगठन में रहने वाले विवाद अब सामने आ गये है. साथ ही पता चला है कि, संगठन के 30 से 40 सदस्यों ने अपनी सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. इस बात की पृष्टि मनपा कामगार संघ के महासचिव प्रल्हाद कोतवाल ने भी की है. साथ ही बताया कि, यह संगठन का अंदरुनी मामला है.
बता दें कि, मनपा की आस्थापना में रहने वाले कर्मचारियों के अधिकारों हेतु लडने वाले संगठन के तौर पर मनपा कर्मचारी व कामगार संघ की पहचान है. मनपा की आस्थापना पर रहने वाले अधिकांश अधिकारी व कर्मचारी इस संगठन के सदस्य व पदाधिकारी है. साथ ही महासचिव के तौर पर प्रल्हाद कोतवाल विगत कई वर्षों से संगठन को चला रहे है. संगठन के सदस्यों से प्रतिवर्ष 500 रुपए का वार्षिक सदस्यता शुल्क लिया जाता है. इससे पहले प्रल्हाद कोतवाल द्वारा प्रत्येक सदस्य के पास जाकर एक-एक से व्यक्तिगत तौर पर यह सदस्यता शुल्क लिया जाता था. परंतु यह रकम एक मुश्त जमा नहीं होने के चलते उन्होंने मनपा की आस्थापना पर रहने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों के वेतन से ही साल में एक बार 500 रुपए की कटौती करते हुए उसे सदस्यता शुल्क के तौर पर मनपा कर्मचारी व कामगार संघ के खाते में जमा कराने हेतु पत्र दिया था. जिसके चलते विगत कुछ वर्षों से वार्षिक सदस्यता शुल्क की रकम मनपा के सभी अधिकारियों व कर्मचारियों के वेतन से ही काट ली जाती है.
वहीं दूसरी ओर मनपा के कई अधिकारियों व कर्मचारियों का यह कहना रहा कि, संगठन द्वारा उनकी लिखित सहमति लिये बिना संगठन की पावती के जरिए सीधे उनके वेतन से सदस्यता शुल्क काटा जा रहा है, जोकि पूरी तरह से नियमबाह्य है. अत: उनकी अनुमति के बिना उनके वेतन से कोई कटौती न की जाये. यह पत्र देने वालों में संदीप वडुरकर, नलेश बाविस्कर, सुनीता गुर्जर दिनेश देशमुख नारायण भांडेकर, नरेश उईके, संजय देशपांडे, अक्षय सिरसिया, धीरज घोरपडे, विजय निस्ताने, भूषण राठोड, शंतनु बोबडे, मंगेश धावे, आर. एन. शाह, शेख इस्माइल, गिरीष चव्हाण, सिद्धांत पडोले, नितिन गोडबोले, संजय दारव्हेकर व किशोर सैरिसे आदि मनपा अधिकारियों व कर्मचारियों का समावेश है. जिसके चलते यह स्पष्ट हो गया है कि, अब तक एकजूट दिखाई देने वाले मनपा कर्मचारी व कामगार संघ में अब दोफाड हो चुकी है.