ग्रामीण पुलिस ने रोड रोमिओ के खिलाफ खोला मोर्चा
महिलाओं व युवतियों से निडर रहने का किया आवाहन
अमरावती/दि.2– महिलाओं व युवतियों के खिलाफ होनेवाले अन्याय व अत्याचार व लैंगिक शोषण जैसे अपराधों को नियंत्रित करने के साथ ही अपराधियों की मानसिकता को बदलना मौजूदा दौर में पुलिस के समक्ष सबसे बडी चुनौती है. ऐसे में महिलाओं की सुरक्षा हेतु पुलिस थाना स्तर पर निर्भया पथक की स्थापना की गई है. जिनके द्वारा सडक छाप टपोरियों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया गया है. ऐसे में अब राह चलते महिलाओं व युवतियों के साथ छेडछाड होने की घटनाएं काफी हद तक घट गई है.
* जिले में 31 पथक
जिला पुलिस अधीक्षक अविनाश बारगल के नेतृत्व में समूचे जिले में 31 पुलिस थाने कार्यरत है और इन सभी पुलिस थानों में एक-एक निर्भया पथक भी कार्यरत है. इन पथकों द्वारा अपने कार्यक्षेत्र अंतर्गत सभी स्कूल, कॉलेज, बस स्थानक, बाजार क्षेत्र, महिला छात्रावास, टॉकीज व बाग-बगीचे जैसे स्थानों पर नजर रखी जाती है.
* 63 लोगों पर जवाबदारी
निर्भया पथक में सहायक पुलिस निरीक्षक अथवा पुलिस उपनिरीक्षक स्तर की एक महिला पुलिस अधिकारी का समावेश होता है. साथ ही इस पथक में दो महिला अथवा पुरूष कर्मचारियों को भी शामिल किया जाता है.
– अमरावती जिले में निर्भया पथक के जरिये काम जारी है और 31 पुलिस थानों में 63 लोगोें पर इस पथक की जिम्मेदारी सौंपी गई है.
* तुरंत पुलिस से संपर्क साधें
निर्भया पथक से संपर्क साधने हेतु 112 टोल फ्री क्रमांक का प्रयोग किया जा सकता है. साथ ही वॉटसऍप या प्रतिसाद ऍप अथवा ई-मेल व फेसबुक के जरिये भी पुलिस से संपर्क किया जा सकता है.
स्कूल व कॉलेजों में कार्यशाला
ग्रामीण पुलिस के निर्भया पथक द्वारा स्कूल व कॉलेजों में जनजागृति हेतु कार्यशालाएं ली जाती है. जिसके तहत छात्र-छात्राओं को महिला सुरक्षा, साईबर सुरक्षा आदि को लेकर जानकारी दी जाती है. हालांकि विगत कुछ समय से कोविड की वजह से इस जनजागृति में काफी हद तक व्यवधान पडा है.
निर्भया पथक की टीम हमेशा सादी वर्दी में रहती है और बडे गोपनीय तरीके से काम करती है. इस पथक के जरिये महिलाओं एवं युवतियों के साथ छेडछाड करनेवाले लोगों पर ध्यान रखा जाता है. साथ ही महिलाओं व युवतियों के लिए असुरक्षित रहनेवाले स्थानों एवं सुनसान स्थलों पर भी नजर रखी जाती है.