अमरावतीमुख्य समाचार

गौतस्करों को बचाने का काम कर रही ग्रामीण पुलिस

विहिंप के प्रदेश गौरक्षा प्रमुख विजय शर्मा ने लगाया आरोप

* एसपी बारगल सहित बेनोडा के थानेदार के तबादले की मांग उठाई
* बेनोडा में गौरक्षक प्रसाद जलतारे की पुलिस द्बारा की गई पिटाई पर जताया रोष
अमरावती/दि.3 – विगत 1 जून को बेनोडा निवासी प्रसाद जलतारे नामक गौरक्षक को सूचना मिली थी कि, वरुड से गोवंश लदी कुछ गाडियां अमरावती की ओर रवाना हुई है. ऐसे में प्रसाद जलतारे ने पुलिस को सूचना देने के साथ ही बेनोडा में रास्ते के किनारे रखे पुलिस के बैरिकेट को रास्ते पर लाकर रख दिया, ताकि गौतस्करी कर रहे वाहनों को रुकवाया जा सके. लेकिन इस बात के लिए बेनोडा के थानेदार ने प्रकाश जलतारे को पुलिस थाने में ले जाकर उसके साथ काफी मारपीट की. जबकि प्रसाद जलतारे को पुलिस के साथ सहयोग ही कर रहा था. उसका सीधा मतलब है कि, बेनोडा पुलिस के थानेदार की गौतस्करी करने वाले लोगों के साथ मिली भगत है. वहीं वजह है कि, उन्होंने गौतस्करी करने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय गौतस्करी रुकवाने का प्रयास कर रहे गौरक्षक के साथ मारपीट की. ऐसे में बेनोडा के थानेदार के साथ ही जिले के ग्रामीण इलाकों में गौतस्करी को रुकवा पाने में असफल रहने वाली ग्रामीण पुलिस अधीक्षक अविनाश बारगल का तुरंत अन्यत्र तबादला किया जाना चाहिए. इस आशय का प्रतिपादन विश्व हिंदू परिषद के विदर्भ प्रदेश गौरक्षा प्रमुख विजय शर्मा द्बारा किया गया.
यहां बुलाई गई पत्रवार्ता में उपरोक्त प्रतिपादन करने के साथ ही विजय शर्मा ने बताया कि, शेंदूरजनाघाट, वरुड, बेनोडा, मोर्शी, शिरखेड, माहुली व चांदूर बाजार इस रुट से होते हुए रोजाना रात में बेलोरा, तवेरा, झायलो, इंडिका व इनोवा जैसे 20 से 25 वाहनों से कटाई हेतु गोवंश को तस्करी करते हुए लाया जाता है. जिसके बारे में संबंधित क्षेत्रों के गौरक्षकों द्बारा रोजाना ही ग्रामीण पुलिस के कंट्रोल रुम को सूचना दी जाती है. लेकिन इसके बावजूद पुलिस इन वाहनों को पकड जाने में असफल साबित होती है और विगत कई वर्षों से एक ही बहाना बताया जाता है कि, तस्करी करने वाले वाहनों की रफ्तार काफी अधिक थी. आखिर एक ही बहाने के भरोसे ग्रामीण पुलिस कब तक अपने कर्तव्य में कोताही करते रहेगी. इस पत्रवार्ता में विजय शर्मा ने कहा कि, जिस तरह से अभी हाल फिलहाल ही अमरावती शहर पुलिस ने गौरक्षा हेतु विशेष कृति दल बनाया है. उसी तरह ग्रामीण पुलिस द्बारा भी विशेष कृति दल व गांव-गांव में गौरक्षा दल बनाए जाने की जरुरत है. इस संदर्भ में प्राणिक्लेश की बैठक में निर्देश भी दिए गए है. लेकिन इसके बावजूद ग्रामीण पुलिस अधीक्षक द्बारा इसे लेकर कोई कदम नहीं उठाया गया. ऐसे में बेहद जरुरी है कि, बहुसंख्याक समाज की धार्मिक भावनाओं की अनदेखी करने के साथ ही गौरक्षा के संदर्भ में सरकार द्बारा तय किए गए नियमों की अनदेखी करने वाले ग्रामीण पुलिस अधीक्षक अविनाश बारगल तथा गौतस्करों को पकडने की बजाय गौरक्षक के साथ मारपीट करने वाले बेनोडा के थानेदार के खिलाफ त्वरित कार्रवाई हो. साथ ही ऐसे अधिकारियों का तुरंत अमरावती से अन्यत्र तबादला किया जाए.
इस पत्रकार परिषद में विहिंप के विदर्भ प्रदेश गौरक्षा प्रमुख विजय शर्मा सहित बंटी पारवानी, अशोक बसेरिया, रुपेश राउत, विक्रम काले, प्रफुल दवे, ललित ठाकुर, अखिल माकोडे, नितिन कडू व प्रसाद जलतारे आदि उपस्थित थे.

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