अमरावती/दि.28 – शहर के गडगडेश्वर प्रभाग की भाजपा पार्षद तथा मनपा महिला व बालविकास समिति सभापति सुनंदा खरड के बडे बेटे सागर खरड की रविवार को मौत हो गई. सागर खरड की इस सामायिक मौत से क्षेत्र में शोक लहर है. वहीं कहा जा रहा है कि सही समय पर सही इलाज का अभाव उसके मौत का कारण बनने की संभावना भी जताई जा रही है. समय पर मार्गदर्शन तथा इलाज नहीं होने के कारण यह दुखद प्रसंग खरड परिवार पर आन पडा है. सागर खरड की तबीयत खराब होने के बाद क्षेत्र के होमियोपैथीक डॉक्टर के यहां उसका कुछ दिनों तक इलाज चला. डॉक्टरों व्दारा उसे ठिक करने के दावे पर विश्वास करना खरड परिवार को भारी पड गया.
जानकारी के अनुसार सागर को सर्दी और बुखार था. सागर को इससे पहले भी सर्दी-खांसी होती थी और इलाज के बाद ठिक हो जाती थी. परिवार को भी ऐसा ही लगा, हमेशा की तरह उसने अपने डॉक्टर से उपचार शुरु करवाया, लेकिन तबीयत में सुधार नहीं होने की बात वर्तमान हालात को देखते हुए उसकी एक-दो दिन में ही कोरोना जांच कराना जरुरी था, लेकिन डॉक्टर व्दारा ठिक करने के आश्वासन पर परिवार ने भरोसा रखा और यही गलती हो गई. कोरोना महामारी ने तब तक मिलनसार तथा प्रभाग में हर व्यक्ति के सुखदुख में दौडने वाले सागर खरड को पूरी तरह से अपनी गिरफ्त में ले लिया. अगर बिमारी से पहले अथवा दूसरे दिन ही सागर की कोरोना जांच कराई गई होती तो शायद यह दुखद प्रसंग नहीं आता था. ऑक्सीजन स्तर एकदम से घटने के बाद सागर को सुपर स्पेशालिटी में भर्ती कराया गया. वहां हालांकि डॉक्टरों ने उसे बचाने के काफी प्रयास किये, लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी. इसी बिच सागर के छोटे भाई पर भी निजी अस्पताल में इलाज चल रहा हेै और उसकी तबीयत में सुधार हो रहा है.
विनम्रता की प्रतिमूर्ति था सागर
दो बार मनपा का चुनाव जीत चुकी सौ.सुनंदा खरड की परछाई के रुप में सागर को प्रभाग ही नहीं बल्कि मनपा में सभी सहयोगी पार्षद जानते थे. आज किसी को इस बात पर यकीन नहीं हो रहा है कि सागर आज इस दुनिया में नहीं है. खरड परिवार पर तो दुखों का पहाड टूट पडा है. मां पार्षद सुनंदा खरड, पिता विनोद खरड गहरे सदमें में है. पत्नी, बहु तथा बच्चे भी शोक में डूबे है. सागर संत गजानन महाराज का अनन्य भक्त था. उसने कई बार शेगांव पैदल वारी भी की. उसका इस तरह अचानक चले जाना सभी के लिए दुखदायी है.