अमरावती

शारीरिक, मानसिक व आध्यात्मिक स्वास्थ्य प्रदान करता है सहजयोग

अमरावती/दि.16 सहजयोग ध्यान का प्रारंभ 1970 में श्री माताजी निर्मला देवी जी द्वारा किया गया. आज हम अनेक लोगों से ध्यान के बारे में सुनते हैं. कुछ इसे शांति की प्राप्ति का साधन मानते हैं, तो कुछ शारीरिक स्वस्थता का. कुछ लोग आध्यात्मिक ज्ञान के लिए ध्यान की ओर आकृष्ट होते हैं. आज अनेक व्यक्तियों, संस्थानों व योगा स्कूलों ने लोगों की इसी जिज्ञासा का फायदा उठाकर ध्यान को व्यवसायिक कर उसकी व्यापकता को संकीर्ण बना दिया है. ध्यान आंखों को बंद कर विभिन्न मुद्राओं के विन्यास का नाम नहीं है वरन् ध्यान प्रकृति व परम शक्ति से समग्र होने की प्रक्रिया है. इसमें मनुष्य को कोई क्रिया नहीं करनी है, बल्कि ध्यान शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक सभी प्रकार की क्रियाओं से मुक्त हो कर निर्विचारिता में स्थित होना है. परंतु विडंबना यह है कि ध्यान का प्रारंभ करते ही व्यक्ति भूत व भविष्य के अनेक विचारों में उलझ जाता है. और उस स्थिति तक नहीं पहुंच पाता जो ध्यान का लक्ष्य होना चाहिए.

सहजयोग ध्यान योगमाया के इसी भ्रम का अंत करता है. श्री माताजी के समक्ष कुंडलिनी जागरण द्वारा आत्मसाक्षात्कार की प्राप्ति के पश्चात् ध्यान में स्थित होने पर अनेक प्रकार की तरंगें हमारे आसपास क्रियाशील हो जाती हैं जिससे हमारे हृदय की गति, सांस लेने की दर व ऑक्सीजन की खपत में कमी हो जाती है तथा त्वचा में स्निग्धता बढ़ जाती है, हमारे आसपास शीतल लहरियां प्रवाहित होने लगती हैं जिससे अनेक प्रकार की शारीरिक व्याधियां स्वत: ही समाप्त हो जाती हैं. इस पूर्ण प्रक्रिया का वैज्ञानिक सत्यापन अनेक डॉक्टर्स के द्वारा तथा वैज्ञानिकों के द्वारा किया गया है. सहजयोग विषय पर दिल्ली के मेडिकल कॉलेज में, रूस तथा विश्व के अन्य भागों में शोध किए गए हैं तथा अनेक विद्यार्थियों ने इस पर डॉक्टरेट की उपाधि भी प्राप्त की है. श्री माताजी द्वारा सहजयोग ध्यान से अनेक असाध्य रोगों को सहज ही ठीक किया गया. श्री माताजी द्वारा स्थापित सहज योग ध्यान की यह पद्धति पूर्ण रूप से वैज्ञानिक है तथा मनुष्य के सूक्ष्म तंत्र पर कार्य करती है. आज भी श्री माताजी द्वारा स्थापित इस पद्धति का प्रयोग कर नवी मुंबई स्थित, इंटरनेशनल सहज योग रिसर्च एंड हेल्थ सेंटर में अनेक रोगों को उपचारित किया जाता है. पूर्णतः नि:शुल्क सहजयोग के अनगिनत लाभों से लाभान्वित होने हेतु संबंधित वेबसाइट पर भेंट देकर जानकारी प्राप्त कर सकते हैं.

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