अमरावती

संत गाडगे बाबा की दससूत्री मानवीय धर्म है

रविकिरण संदाशिव का प्रतिपादन

अमरावती/ दि.23 – वैराग्य मूर्ति संत गाडगेबाबा ने संपूर्ण जीवन भर मानव कल्याण के कार्य किए है. उनके कार्यो का सार दससूत्री में है वहीं दससूत्री आधुनिक काल में मानवीय धर्म है ऐसा प्रतिपादन रविकिरण संदाशिव ने व्यक्त किया. वे आज स्थानीय तक्षशीला महाविद्यालय यहां संत गाडगेबाबा जयंती के उपलक्ष्य में राष्ट्रीय सेवा योजना व्दारा आयोजित समारोह में बोल रहे थे.
समारोह में मुंबई विद्यापीठ के डॉ. रविराव उपस्थित थे. उन्होंने भी संत गाडेबाबा के जीवन कार्यो पर प्रकाश डाला. समारोह की अध्यक्षता महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. मल्लू पडवल ने की सर्वप्रथम संत गाडगेबाबा व्दारा लिखित दससूत्री का वाचन किया गया. समारोह में प्रास्ताविक रासेयो कार्यक्रम अधिकारी डॉ. कमलाकर पायस ने रखा तथा संचालन प्रा. बबनराव इंगोले ने किया व आभार रासेयो महिला कार्यक्रम अधिकारी डॉ. प्रणाली पेटे ने माना.

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