संत रविदास ने दुनिया को मानवता धर्म की शिक्षा दी : पोकले
बडनेरा में गुरु रविदास जयंती समारोह
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अमरावती/दि.19-मनुष्य जाति से नहीं बल्कि कर्म से श्रेष्ठ होता है, यदि उसका मन पवित्र और शुद्ध है तो उसे गंगा में डुबकी लगाने या सान करने की जरूरत महसूस नहीं होती. इसलिए गुरु रोहिदास महाराज ने जाति-पाति के भेदभाव को दूर कर जाति, धर्म और जाति से परे जाकर मानवतावादी विचार को पूरे विश्व के आम लोगों तक फैलाने का महान कार्य किया है, इस आशय का कथन श्री गुरुदेव सेवा मंडल के जीवन-प्रचारक प्रमोद पोकले गुरुजी ने किया.
संत रविदास महाराज जयंती उत्सव समिति, समस्त चर्मकार समाज की ओर से जुनी बस्ती बडनेरा के दुर्गामाता चौक पर आयोजित विचार मंथन कार्यक्रम में वे बोल रहे थे. कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. राजीव जामठे, उद्घाटक के रूप में प्रकाश शेलापुरकर और मुख्य गणमान्य के रूप में वरिष्ठ साहित्यकार प्रो. भास्कर भटकर, पुरुषोत्तम वनस्कर, श्याम आकोड़े, पांडुरंग खंडारे, नीलेश जामठे, दलित मित्र उत्तमराव भैसने, भजनरत्न प्रमोद पोकले गुरुजी, विजय शेगोकर, रामकृष्ण लांडोरे, अर्चना धामने और छायाताई अंबाडकर उपस्थित थे. कार्यक्रम का संचालन प्रशांत दुधे ने किया. कार्यक्रम के प्रारंभ में गणमान्य अतिथियों ने संत शिरोमणि गुरु रविदास महाराज, डॉ. बाबासाहब आम्बेडकर एवं छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने के पश्चात दूरदर्शन एवं आकाशवाणी के लोक कलाकार प्रमोद पोकले एवं साथियों, गुरुदेव सेवा मंडल बडनेरा द्वारा भजन-संगीत का कार्यक्रम संपन्न हुआ. इसमें तबला वादक प्रशांत दुधे, नीलेश बिरहा, हारमोनियम डॉ. मोहन पोकले, राजेंद्र इंगोले, सुभाष सुने, गणेश खंडार, अरविंद अंबाडकर, अशोक रुमने और राजेश टारपे शामिल हुए. तत्पश्चात वरिष्ठ साहित्यकार एवं सत्कारमूर्ति प्रो. भास्कर भटकर ने अपने विचार व्यक्त किये.
कार्यक्रम दौरान अध्यक्षीय भाषण में डॉ. राजीव जामठे ने अपने व्यक्तिगत अनुभव से संत रविदास महाराज के जीवन कार्यों पर प्रकाश डाला. कार्यक्रम की प्रस्तावना नीलेश जामठे ने रखी. और पांडुरंग खंडारे ने धन्यवाद ज्ञापन किया. इस अवसर पर धार्मिक एवं सामाजिक क्षेत्र में कार्य करनेवाली मंडलियों एवं चर्मकार समाज की मेधावी, पुलिस नियुक्ती पर ज्ञानेश्वरी पटके और डॉक्टरी पदवीप्राप्त आरती काटेकर इनको सम्मानित किया गया. कार्यक्रम में पूर्व नगरसेवक विजय नागपुरे, श्याम बडनेरकर, सुरेश दुधे, धनराज कंटाले, रमेश इंगोले, किशोर अंबाडकर, मुकेश उसरे, मधुकर श्रीखंडे, कृष्णराव पारडे, हरिश्चंद्र कहाले, नामदेव निकोरे, विठ्ठल मोहोड़, विजय लसनकार, धीरू मारवे, कवि उसरे, मनोहर पटके, रवि उसरे, दुर्योधन दाहेदार, दिलीप वाजगे, मोहन पटके, दिलीप गाठेकर, मंगेश गव्हाले, रंगराव गव्हाले सहित चर्मकार समाज के महिला-पुरुष और ग्रामस्थ बड़ी संख्या में उपस्थित थे. कार्यक्रम सफलतार्थ अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार न्यायिक सुरक्षा परिषद के सदस्य शरद ठोसरे, शंकर गव्हाले, बंडू सत्रणकर, अनिकेत गव्हाले, अवधूत जोगे, सुनील मांगे, संतोष गव्हाले, नरेश सत्रणकर, राजेश गव्हाले, बंडू धामने, मंथन गव्हाले और समाज बंधुओं ने अथक परिश्रम किया.